देहरादून:- श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के आईवीएफ विभाग में विश्व आईवीएफ दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। 1978 में इंग्लैंड में आज ही के दिन आईवीएफ तकनीक से दुनिया के पहले टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म हुआ था। हर वर्ष 25 जुलाई को विश्व आईवीएफ दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर आईवीएफ विभाग में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम में बांझपन से जुझ रहे निसंतान दम्पत्तियों, विभिन्न प्रकार की तकनीकों (आईयूआई, आईवीएफ, आईसीएसआई) से पैदा हुए बच्चों व उनके अभिभावकों ने प्रतिभाग किया। अभिभावकों ने श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल आईवीएफ विभाग से जुड़े अपने संस्मरण सांझा किए। उन्होंने श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के आईवीएफ विभाग के डाॅक्टरों और स्टाफ को बेहतर सेवाओं के लिए धन्यवाद दिया।
गुरुवार को श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल आईवीएफ विभाग के सभागार में कार्यक्रम का शुभारंभ श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज़ के प्राचार्य डाॅ अशोक नायक, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ अजय पंडिता, स्त्री एवम् प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ विनीता गुप्ता एवम् आईवीएफ विभाग की इंचार्ज डाॅ आकृति गुप्ता एवम् डाॅ अर्चना टण्डन ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में बांझपन से जुझ रहे निसंतान दम्पत्तियों , विभिन्न प्रकार से तकनीकों (आईयूआई, आईवीएफ, आईसीएसआई) से 70 से अधिक पैदा हुए बच्चों एवम् उनके अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया। बच्चों के अभिभावकों ने अपने नन्हें मुन्नों के साथ केक काटकर इस पल को यादगार बनाया। आईवीएफ विभाग की ओर से बच्चों को उपहार वितरित किए गए।
इस अवसर पर डाॅ आकृति गुप्ता ने कहा कि आईवीएफ का अर्थ इन विर्टो फर्टिलाइजेशन होता है। इसे आम बोलचाल में टैस्ट ट्यूब बेबी भी कहते हैं। यह प्राकृतिक तौर पर गर्भधारण में विफल हुए दम्पत्तियों के लिए गर्भधारण का कृत्रिम माध्यम होता है। उन्होंने कहा कि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में आईवीएफ उपचार की सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। कार्यक्रम में एम्ब्रोलोजिस्ट अजीत शर्मा, एवम् स्टाफ प्रिंयंका, पूजा, उषा, प्रीति, नेहा व पीआरओ सिमरन को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, डाॅक्टरों, नर्सिंग स्टाफ व आईवीएफ विभाग के स्टाफ ने भाग लिया।