Breaking News
सीएम पुष्कर धामी स्वयं सड़क मार्ग से करेंगे, शीतकालीन पर्यटन व्यवस्थाओं का निरीक्षण।
सीएम पुष्कर धामी स्वयं सड़क मार्ग से करेंगे, शीतकालीन पर्यटन व्यवस्थाओं का निरीक्षण।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में संचालित किया जायेगा, ‘‘जन जन की सरकार-जन जन के द्वार’’ अभियान।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में संचालित किया जायेगा, ‘‘जन जन की सरकार-जन जन के द्वार’’ अभियान।
47वीं ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशन कॉन्फ्रेंस 2025 में, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया प्रतिभाग।
47वीं ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशन कॉन्फ्रेंस 2025 में, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया प्रतिभाग।
दो माह में पूर्ण हो कण्डारस्यूं पेयजल योजना, डॉ धन सिंह रावत।
दो माह में पूर्ण हो कण्डारस्यूं पेयजल योजना, डॉ धन सिंह रावत।
SGRR विश्वविद्यालय एवम, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के, स्वास्थ्य शिविर का 841 मरीजों ने उठाया लाभ।
SGRR विश्वविद्यालय एवम, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के, स्वास्थ्य शिविर का 841 मरीजों ने उठाया लाभ।
सुशासन में उत्कृष्टता के लिए, बंशीधर तिवारी को राष्ट्रीय सम्मान, मुख्यमंत्री धामी ने किया सम्मानित।
सुशासन में उत्कृष्टता के लिए, बंशीधर तिवारी को राष्ट्रीय सम्मान, मुख्यमंत्री धामी ने किया सम्मानित।
एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज एटलिटिका 2025 में, एमबीबीएस 2021 बैच ऑवरऑल चैम्पियन।
एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज एटलिटिका 2025 में, एमबीबीएस 2021 बैच ऑवरऑल चैम्पियन।
डीएवी पीजी कॉलेज में 100 फीट ऊँचे राष्ट्रीय ध्वज की, स्थापना कार्यं का किया भूमि पूजन, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी।
डीएवी पीजी कॉलेज में 100 फीट ऊँचे राष्ट्रीय ध्वज की, स्थापना कार्यं का किया भूमि पूजन, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड महक क्रांति नीति, 2026-36 का किया शुभारम्भ, लगभग 23 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सुगंधित फसलों की होगी खेती।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड महक क्रांति नीति, 2026-36 का किया शुभारम्भ, लगभग 23 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सुगंधित फसलों की होगी खेती।

दिल्ली हाई कोर्ट का अहम फैसला, पॉक्सो एक्ट के तहत महिलाएं भी हो सकती हैं आरोपी

दिल्ली हाई कोर्ट का अहम फैसला, पॉक्सो एक्ट के तहत महिलाएं भी हो सकती हैं आरोपी

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि किसी बच्चे पर ‘प्रवेशन लैंगिक हमले’ के मामले में महिलाओं को भी आरोपी बनाया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि यौन अपराधों के लिए अदालती कार्यवाही केवल पुरुषों तक सीमित नहीं है; अब महिलाओं को भी इस प्रकार की कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है।

महिलाओं के खिलाफ भी होगी कार्यवाही
न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि पॉक्सो अधिनियम बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए बनाया गया था, और इसके तहत अपराध चाहे पुरुष द्वारा किया गया हो या महिला द्वारा, कार्यवाही दोनों के खिलाफ की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि धारा-3 (प्रवेशन लैंगिक हमला) में प्रयुक्त शब्द ‘व्यक्ति’ को केवल ‘पुरुष’ के संदर्भ में समझा जाए।

क्या था मामला?
यह फैसला एक महिला आरोपी की याचिका पर आया था, जिसमें उसने यह तर्क दिया था कि वह महिला होने के कारण उस पर ‘प्रवेशन लैंगिक हमला’ का आरोप नहीं लगाया जा सकता। आरोपी ने अपने खिलाफ आरोप तय करने पर सवाल उठाते हुए कहा था कि धारा-3 में ‘वह’ शब्द का इस्तेमाल केवल पुरुष अपराधी के लिए किया गया है।

अदालत का तर्क
हालांकि, अदालत ने यह स्पष्ट किया कि पॉक्सो अधिनियम की धारा-तीन और पांच (गंभीर प्रवेशन लैंगिक हमला) के तहत उल्लिखित कृत्य अपराधी की लैंगिक स्थिति की परवाह किए बिना अपराध माने जाएंगे, बशर्ते कि ये कृत्य किसी बच्चे पर किए गए हों।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top