देहरादून/नैनीताल:- उत्तराखण्ड के लम्बित निकाय चुनाव व निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार ने मंगलवार को हाईकोर्ट के सामने स्थिति साफ कर दी है। शहरी विकास अपर सचिव नितिन भदौरिया व महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट को बताया कि 25 अक्टूबर से पहले निकाय चुनाव कर लिए जाएंगे। और राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति एक पखवाड़े के भीतर कर ली जाएगी।
उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2023 में निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद राज्य सरकार ने प्रशासक नियुक्त कर दिए थे। प्रशासकों का कार्यकाल भी जून में खत्म हो चुका है।हाईकोर्ट को अभी तक निकाय चुनाव नहीं कराए जाने के कारण भी गिनाए गए। कहा गया कि लोकसभा चुनाव, बरसात व आपदा की वजह से तैयारी नहीं हो पाई। लेकिन अब सरकार 25 अक्टूबर से पहले निकाय चुनाव कराने को तैयार है।
प्रदेश सरकार की ओर से यह अंडर टेकिंग मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ के समक्ष दी गयी। निकाय चुनावों को लेकर मोहम्मद अनवर मो. अनीस की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि सरकार निकाय चुनाव नहीं करा रही है। निकायों में प्रशासकों की तैनाती कर दी है गई है।
इससे पूर्व मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा था कि कि पूर्व के आदेश पर निकाय चुनाव कराने के लिए क्या तैयारियां की गई है। आज 20 अगस्त को राज्य सरकार को हाईकोर्ट के सामने निकाय चुनाव का प्लान पेश करना था।
गौरतलब है कि प्रदेश में राज्य निर्वाचन आयुक्त की। कुर्सी भी लम्बे समय से रिक्त है। ऐसे में निकाय चुनाव की तैयारी पर भी विपरीत असर पड़ रहा है।