देहरादून:- वन पंचायत नियमावली अन्तर्गत पंचायतों को अधिक सशक्त बनाने एवं समय पर वन पंचायतों के चुनाव कराने हेतु वन मंत्री सुबोध उनियाल के द्वारा निर्देश दिये गये। इसमें प्रधान ग्राम पंचायत को सरपंच, वन पंचायत की जिम्मेदारी दी जा सकती है तथा वन पंचायत प्रबन्धन समिति के सदस्यों का चुनाव वार्ड मेम्बर के साथ कराया जा सकता है। वार्ड सदस्यों को सदस्य की जिम्मेदारी दिये जाने के बिन्दु का परीक्षण करा लिया जाय। मा० मंत्री जी ने एक सप्ताह के अन्दर यथोचित एवं संयत प्रस्ताव प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया।
कार्बन क्रेडिट प्रोजेक्ट के सम्बन्ध में मुख्य परियोजना निदेशक, जायका द्वारा प्रस्तुतिकरण एवं अवगत कराया गया कि टेरी (TATA ENERGY RESEARCH INSTITUTE) के सहयोग से रानीखेत के समीप 28 वन पंचायतों में कार्यवाही प्रगति पर है। मंत्री जी ने सुझाव दिया कि यह सम्भावनाओं से परिपूर्ण विषय है लेकिन विभाग को ठोस संकल्पना की आवश्यकता है। निर्देशित किया गया कि इस सम्बन्ध में अधिकारियों की कार्यशाला आयोजित कर हिमाचल व पंजाब जैसे राज्यों की सफलता का अध्ययन करते हुए इस क्षेत्र के विशेषज्ञ वनाधिकारियों के साथ गोष्ठी के माध्यम से विचार-विमर्श किया जाय।
लीसा विदोहन से प्राप्त आय की तुलना वर्तमान में किये जा रहे कुल व्यय से की गई तथा शुद्ध आय को प्रमुख सचिव, वन ने असंतोषजनक पाया है। विस्तृत विचार-विमर्श के उपरान्त मंत्री जी द्वारा निर्देशित किया गया कि पाइलेट प्रोजेक्ट के रूप में किसी एक सिविल वन क्षेत्र से लीसा विदोहन कार्य टेंडर / नीलाम द्वारा किया जा सकता है।
ईको टूरिज्म विकास हेतु CEO, Ecotourism Dev. Board द्वारा इस क्षेत्र में उत्तराखण्ड की सम्भावनाओं, रोडमैप एवं समयबद्ध कार्यवाही के साथ-साथ पर्यटकों की सुरक्षा व चिन्हित सर्किट के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। वन मंत्री ने कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए प्रोजेक्ट में विशेषज्ञों का यथोचित सहयोग लेने एवं स्थानीय रोजगार में वृद्धि का ध्यान रखने हेतु निर्देशित किया।
बैठक में प्रमुख सचिव, वन, प्रमुख वन संरक्षक (HOFF) प्रमुख सचिव, न्याय, निशांत वर्मा, अपर प्रमुख वन संरक्षक, नियोजन एवं वित्तीय प्रबन्धन, अपर सचिवगण, वन, विनीत कुमार व सुश्री कहकशां नसीम व वरिष्ठ वनाधिकारी उपस्थित रहे।