देहरादून :- बुधवार को पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कैबिनेट में लाए गए अध्यादेश प्रदेश की मलिन बस्तियों को तीन साल तक न हटाये जाने के लिए लाया गया है यह पूरी तरह से जनता और बस्तीवासियों को गुमराह करने वाला है।
लालचन्द शर्मा ने कहा कि इससे पहले भी भाजपा सरकारें दो बार मलिन बस्तियों के लिए अध्यादेश ला चुकी है, परन्तु मलिन बस्तियों का नियमितीकरण नही कर पा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में जितनी भी मलिन बस्तियां हैं वे वर्षों पूर्व बसी हुई है तथा यहां पर लोगों को बिजली, पानी के कनेक्शन के साथ ही नगर निगम द्वारा टैक्स भी वसूला जाता है साथ ही विधायक निधि एवं अन्य मदों से इन मलिन बस्तियों में सड़के आदि निर्माण कार्य भी कराये गये है। अब इन मलिन बस्तियों को बार-बार अध्यादेश लाकर राज्य सरकार क्या साबित करना चाहती है।
पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य की मलिन बस्तियों के नियमितीकरण का मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था, परन्तु भाजपा सरकार ने सत्तारूढ होते ही इसे ठंडे बस्ते मे डाल दिया। उन्होंने कहा कि जनता की लम्बे समय से चली आ रही मांग के बावजूद इन मलिन बस्तियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारम्भ नहीं हो पाई है, और अब भाजपा सरकार बस्तीवासियों को गुमराह करने के लिए अध्यादेश का सहारा ले रही है।
कांग्रेस नेताओं ने मांग की है कि अध्यादेश के बदले राज्य सरकार तत्काल मलिन बस्तियों के नियमितीकरण का कार्य प्रारम्भ करे तथा मलिन बस्तीवासियों को मालिकाना हक प्रदान करे।