पंचायतों में प्रशासक के मुद्दे पर दोहरे आदेश से शासन की माथापच्ची बढ़ी।
सीएम व शासन में वार्ता के बाद गठित पंत समिति जल्द देगी अपनी रिपोर्ट।
देहरादून :- सीएम धामी से मुलाकात व पंचायतीराज सचिव से हुई वार्ता के बाद भी ब्लाक प्रमुख व ग्राम प्रधानों के जिला पंचायत अध्यक्ष की तरह प्रशासक बनने का रास्ता पूरी तरह साफ नहीं हुआ है।
सचिव चंद्रेश कुमार से चर्चा के बाद शासन स्तर पर एक अपर सचिव युगल किशोर पंत की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया गया है। कमेटी में पंचायती राज निदेशक निधि यादव व संयुक्त सचिव बतौर सदस्य कार्य करेंगी। यह समिति 9 दिसम्बर तक अपनी रिपोर्ट देगी। इस रिपोर्ट के बाद ही ब्लाक प्रमुख व ग्राम प्रधानों के प्रशासक बनने पर छाई धुंध हटेगी।
गौरतलब है कि बीते हफ्ते ही 12 जिलों की त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल खत्म हुआ। ब्लाक व ग्राम पंचायतों में अधिकारियों को प्रशासक पद पर बैठा दिया। जबकि निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रशासक की जिम्मेदारी दी गयी।शासन के दोहरे मापदण्ड वाले आदेश के बाद ब्लाक व ग्राम प्रधान संगठन ने सीएम से मिलकर अपनी बात रखी। कहा कि कोविड काल में दो साल कार्य नहीं हो पाए। लिहाजा, उन्हें कार्यकाल को विस्तार दे दिया जाय।
इसके अलावा एक साल से अधिक अवधि से निकायों में भी अधिकारियों को प्रशासक की जिम्मेदारी दी गयी है।
अब बुधवार की बैठक के बाद गठित त्रिसदस्यीय समिति पांच दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। इसके बाद ही ब्लाक प्रमुख व ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी के बाबत कोई ठोस फैसला लिया जाएगा। उधर, विपक्षी दल कांग्रेस ने भी पंचायतों के बाबत शासन के अलग अलग आदेशों को लेकर तीखा विरोध जताया गया।
देखें आदेश