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केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को जारी की ₹249.56 करोड़ की दूसरी किस्त, सीएम धामी ने केंद्र सरकार का जताया आभार।
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विकसित भारत @2047 के संकल्प के साथ, पीआरएसआई के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का भव्य समापन।
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डीएम सविन बंसल पहुंचे जनता की बीच, ऋषिकेश में जन समस्याओं का किया ऑन द स्पॉट समाधान।
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पीआरएसआई की प्रदर्शनी में दिखी, समृद्ध और सशक्त उत्तराखंड की छटा।
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कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने, सहस्त्रधारा क्षेत्र में आपदा प्रभावित, 12 परिवारों के लिए निर्माण सामग्री प्रदान की।
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डीएम सविन बंसल ने ऋषिकेश लाल पानी में, निर्माणधीन एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्लांट का किया स्थलीय निरीक्षण।
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विजय दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने दी, प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं।
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आंगनबाड़ी को सेवानिवृत्ति पर अब मिलेंगे एक लाख, रेखा आर्या।
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सीएम पुष्कर धामी ने हरिद्वार दक्षेश्वर महादेव मंदिर में, पूजा-अर्चना कर साधु-संतो से, भेंटकर कुंभ मेले पर भी किया मंथन।
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धामी सरकार का अल्टीमेटम, मरीजों की जिंदगी से नहीं होगा खिलवाड़, रैफर प्रक्रिया होगी जवाबदेह।

धामी सरकार का अल्टीमेटम, मरीजों की जिंदगी से नहीं होगा खिलवाड़, रैफर प्रक्रिया होगी जवाबदेह।

स्वास्थ्य सचिव ने दिए निर्देश– रैफरल पर CMO-CMS की काउंटर साइन अनिवार्य, SOP तैयार करने के निर्देश।

ज्वाइनिंग न करने वाले डॉक्टरों को नोटिस, होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई : डॉ. आर. राजेश कुमार।

देहरादून :- राज्य के सरकारी अस्पतालों में कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और मरीज-केंद्रित बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने सोमवार को सचिवालय स्थित सभागार में सभी 13 जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) और उप-जिला अस्पतालों के प्रमुख अधीक्षकों (CMS) के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की। 

*मरीजों को रेफर करने की प्रक्रिया होगी जवाबदेह, हर रेफरल पर देना होगा ठोस कारण*

स्वास्थ्य सचिव ने रैफरल प्रणाली को लेकर खासतौर पर नाराजगी जताई और इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि अब अस्पतालों से मरीजों को अनावश्यक रूप से रेफर नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई बार देखा गया है कि अस्पतालों की लापरवाही या संसाधन प्रबंधन की कमी के कारण मरीजों को बिना किसी स्पष्ट कारण के रेफर कर दिया जाता है, जिससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ जाती है। उन्होंने निर्देश दिए कि हर रेफरल की जिम्मेदारी संबंधित CMS पर होगी। हर रेफरल को CMS की काउंटर-साइनिंग के साथ वैध और ठोस कारणों से ही किया जाना अनिवार्य होगा। यदि किसी केस में यह प्रक्रिया नहीं अपनाई गई या कारण अपर्याप्त पाया गया तो उस अधिकारी के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाएगी। डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्वास्थ्य महानिदेशक को निर्देशित किया कि रैफरल से संबंधित एक स्पष्ट SOP तैयार की जाए, ताकि पूरे प्रदेश में एकरूपता के साथ रेफरल की प्रक्रिया अपनाई जा सके।

*आपातकालीन एंबुलेंस सेवा 108 नहीं मिली तो स्थानीय संसाधनों से हो मरीज की मदद*

बैठक में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को लेकर भी व्यापक चर्चा हुई। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने निर्देश दिए कि अगर किसी परिस्थिति में मरीज को समय पर 108 एंबुलेंस सेवा और विभागीय एंबुलेंस सेवा दोनों उपलब्ध नहीं हो पाती है, तो स्थानीय अस्पतालों को तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कहा कि CMO और CMS की यह जिम्मेदारी होगी कि किसी भी आपात स्थिति में मरीज को अस्पताल या उच्च चिकित्सा सुविधा तक ले जाने के लिए सरकारी अन्य संसाधनों का प्रयोग कर सेवा उपलब्ध कराई जाए। हमारी प्राथमिकता मरीज की जान है, न कि प्रक्रिया की जटिलता। इसके लिए पहले से एक स्थानीय एंबुलेंस नेटवर्क और संसाधन सूची भी तैयार रखने के निर्देश दिए गए।

*मृतकों के परिजनों को नहीं उठाना पड़ेगा शव ले जाने का बोझ*

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने इस गंभीर समस्या की भी ओर ध्यान दिलाया कि कई बार मृत्यु के बाद मृतक के परिजनों को शव को घर ले जाने में काफी परेशानी होती है, खासकर जब जनपद में मोर्चरी वाहन या शव वाहन उपलब्ध नहीं होता। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसी स्थिति में संबंधित अस्पताल प्रशासन या CMO स्वयं संसाधन जुटाकर यह सुनिश्चित करें कि शव को सम्मानपूर्वक परिजनों तक पहुंचाया जाए। एक परिवार को और कष्ट न झेलना पड़े, यह हमारी नैतिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी है।

*ज्वाइनिंग न करने वाले डॉक्टरों को नोटिस, होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई*

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन डॉक्टरों को पोस्ट-पीजी ट्रेनिंग के बाद 13 जून को स्थानांतरण आदेश जारी किए गए थे और उन्होंने अब तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है, उन्हें तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। डॉ. कुमार ने कहा कि सेवा शर्तों की अवहेलना को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आवश्यकतानुसार संबंधित डॉक्टरों के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।

बैठक में महानिदेशक सुनीता टम्टा, निदेशक डॉ. शिखा जंगपागी, निदेशक डॉ. सी.पी. त्रिपाठी, अनुसचिव अनूप मिश्रा सहित स्वास्थ्य विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

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