देहरादून :- वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में आज राज्य वन मुख्यालय, देहरादून में वन विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मानव–वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं, केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित राज्य सेक्टर एवं केंद्र पोषित योजनाओं (CSS), कैंपा फंड के वित्तीय प्रावधानों, वनाग्नि प्रबंधन की तैयारियों तथा फील्ड स्तर पर की जा रही कार्यवाहियों की विस्तृत समीक्षा की गई।
मंत्री सुबोध उनियाल ने मानव–वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रखते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसी घटनाओं के समाधान में किसी भी स्तर पर अनावश्यक विलंब न हो तथा सभी आवश्यक कार्यवाहियाँ समयबद्ध, पारदर्शी एवं संवेदनशील तरीके से सुनिश्चित की जाएँ। उन्होंने विशेष रूप से Surge के कारण उत्पन्न मानव–वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं के त्वरित एवं प्रभावी समाधान पर जोर दिया।
बैठक में दिनांक 12.06.2025 को आयोजित पूर्व विभागीय समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुपालन की प्रगति की समीक्षा की गई। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2025–26 के अंतर्गत राज्य सेक्टर योजनाओं, केंद्र पोषित योजनाओं एवं कैंपा योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति पर विस्तार से चर्चा की गई।
मंत्री सुबोध उनियाल ने विभागीय जनजागरूकता कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि स्थानीय समुदायों की सहभागिता से ही मानव–वन्यजीव सहअस्तित्व को सुदृढ़ किया जा सकता है। उन्होंने जंगलों में फलदार प्रजातियों के वृक्षारोपण को बढ़ावा देने, जैव विविधता संरक्षण सुनिश्चित करने तथा वन्यजीवों के लिए प्राकृतिक आहार की उपलब्धता बढ़ाने पर भी बल दिया।
वनाग्नि प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वनाग्नि की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु विभागीय कर्मियों की सतर्कता, उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग तथा त्वरित प्रतिक्रिया व्यवस्था को और मजबूत किया जाए। बैठक में नर्सरी प्लान 2025–26, वन पंचायतों में जल–मृदा संरक्षण योजनाओं, वन्यजीव संरक्षण वर्ष 2025, वाहन सहायता योजनाओं तथा बाह्य सहायतित परियोजनाओं (CPD–JICA) की प्रगति पर भी विचार-विमर्श किया गया।
माननीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार वन संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण एवं जनसुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखते हुए सभी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस समीक्षा बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (HoFF), मुख्य वन संरक्षक (PCCF), मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक (वाइल्डलाइफ वार्डन) सहित सभी क्षेत्रीय मुख्य वनाधिकारी एवं प्रभागीय वनाधिकारी प्रत्यक्ष अथवा वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।
