देहरादून:- मलिन बस्तीवासियों को दिये गये नोटिसों की दोबारा जांच किये जाने की मांग को लेकर कांग्रेसियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही किये जाने की मांग की गई। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने उचित कार्यवाही करने का भी आश्वासन दिया।
पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं चकराता विधायक प्रीतम सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य सचिव राधा रतूडी से मुलाकात की और इस अवसर पर चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि मलिन बस्तीवासियों को जो नोटिस दिये गये है वह गलत है और यदि मलिन बस्ती निवाास अतिक्रमण की भूमि में रह रहे थे तो उन्हें शासन ने सभी प्रकार की सुविधायें क्यों दी और जो नोटिस दिये गये है उनकी दोबारा जांच की जानी चाहिए।
इस अवसर पर पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि सभी मलिन बस्तियां पुरानी बसी हुई है और वर्ष 2016 में शासन ने इनका सर्वे करवाया था फिर एक मलिन बस्ती की रिपोर्ट बनी, कैबिनेट में पास हुई और विधानसभा में पास हुई और उसी के तहत दो अक्टूबर 2016 को अस्सी नब्बे लोगों को मालिकाना हक दिया गया था जो रिपोर्ट शासन ने स्वीकृत की है और उस नियमावली के तहत सभी मलिन बस्ती के निवासियों को मालिकाना हक दिया जाना चाहिए। वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री व विधायक प्रीतम सिंह ने मुख्य सचिव से कहा कि शहर में अघोषित विद्युत कटौती की जा रही है जिससे लोग परेशान हो रहे है उसे तुरन्त बंद किया जाय। पानी की सप्लाई में भी इस कटौती का असर पड रहा है। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी एवं जिलाधिकारी सोनिका को फोन पर मलिन बस्तियों के लोगों को दिये गये नोटिसों की जांच कर तोडफोड बंद करने को कहा और यह भी कहा कि जब तक नोटिसों की जांच नहीं हो जाती कहीं भी तोड़फोड़ नहीं की जानी चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूडी से मिलने वालों में पूर्व कैबिनेट मंत्री व चकराता विधायक प्रीतम सिंह, पूर्व विधायक राजकुमार, महामंत्री गोदावरी थापली, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, अर्जुन सोनकर ,उर्मिला थापा, राकेश पंवार, निखिल कुमार आदि कांग्रेसजन शामिल रहे।