हरिशंकर व्यास शीर्षक चौंका सकता है। पर जरा समकालीन भारत अनुभवों और उनकी दिशा में झांके तो अगले बीस-पच्चीस वर्षों की क्या भारत संभावना दिखेगी? भारत पिछले दस वर्षों की विरासत में कदम उठाता हुआ होगा। इस विरासत का मंत्र और अनुभव बुद्धि नहीं लाठी है। हार्वर्ड नहीं हार्डवर्क है। सत्य नहीं झूठ है। सौम्यता […]