देहरादून:- मंगलवार को कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा की अध्यक्षता में कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग के अधिकारियों एवं देश की प्रतिष्ठित इंडस्ट्री टाटा टेक्नोलॉजी, फिलिप्स एवं श्नाइडर इलेक्ट्रिक के साथ राज्य के मैदानी क्षेत्र के साथ-साथ पर्वतीय क्षेत्र के आईटीआई में भी इंडस्ट्री की मांग के अनुसार पाठ्यक्रम संचालित करने पर चर्चा की गई। विभागीय अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि इंडस्ट्री की मांग के अनुसार इंडस्ट्री के माध्यम से वर्तमान में श्नाइडर इलेक्ट्रिक के सहयोग से आईटीआई कानपुर में होम ऑटोमेशन, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन कंट्रोल एवं बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम के तीन माह के पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं जिनमें इंडस्ट्री द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रशिक्षित प्रशिक्षकों के द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
इसी प्रकार आईटीआई रोशनाबाद हरिद्वार में भी प्रिसिशन मैन्युफैक्चरिंग के अंतर्गत एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग टेक्नीशियन (मिलिंग) एवं एडवांस मैन्युफैक्चरिंग टेक्निशियन (टर्निंग) के तीन माह के पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। दोनों सीओई में प्रशिक्षित होकर 90% से अधिक युवा देश की प्रतिष्ठित इंडस्ट्री में रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। इंडस्ट्री प्रतिनिधियों द्वारा अवगत कराया गया कि इन सीओई में प्रशिक्षित युवा अधिक वेतन रोजगार प्राप्त कर रहे हैं तथा जिन इंडस्ट्री में यह कार्य कर रहे हैं उन इंडस्ट्री से भी उनके कार्य एवं व्यवहार का अच्छा फीड बैंक प्राप्त हो रहा है। इन सीओई की सफलता को देखते हुए विभाग द्वारा स्किल हब सहसपुर में फिलिप्स के सहयोग से प्रिसिशन मैन्युफैक्चरिंग एवं श्नाइडर के सहयोग से एडवांस इलेक्ट्रिकल टेक्नोलॉजी तथा फेस्टो के सहयोग से हाइड्रोलिक, न्यूर्मेटिक, मेकाट्रॉनिक्स एवं रोबोटिक्स के सीओई संचालित किए जाने हैं जो कि अंतिम चरण में है।
विभागीय अधिकारियों द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि 13 आईटीआई में टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग से इंडस्ट्री 4.0 की मांग के अनुसार पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जिसे हेतु आवश्यक भवन बनाए जाने का प्रस्ताव नाबार्ड को प्रेषित कर दिया गया है। माननीय मंत्री जी दवारा निर्देश दिए गए कि राज्य के मैदानी क्षेत्र के साथ-साथ पर्वतीय क्षेत्र के आईटीआई में भी इस प्रकार के सीओई का लाभ पर्वतीय क्षेत्र के युवाओं को भी दिए जाने हेतु कार्य योजना तैयार की जाए। तथा इंडस्ट्री प्रतिनिधियों से कहा गया कि वे इस संबंध में प्रस्ताव उपलब्ध कराएं तथा जिन संस्थाओं में छात्रावास की सुविधा है उन संस्थानों को हब के रूप में विकसित किया जाए। और जहां छात्रावास की सुविधा नहीं है उनको स्पोक के रूप में विकसित किया जाए ताकि राज्य के अधिकांश आईटीआई में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षणार्थियों को इंडस्ट्री की मांग के अनुसार नवीनतम तकनीक का प्रशिक्षणन वीनतम मशीनों पर दिया जा सके। साथ ही उन्हें रोजगार हेतु इंडस्ट्री से जोड़ा जा सके। मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि आईटीआई में इस वर्ष उत्तीर्ण होने वाले प्रशिक्षणार्थियों में से टॉपर प्रशिक्षणार्थियों को देश केअच्छे आईटीआई अथवा स्किल सेंटर में भ्रमण पर भेजा जाए।
इस अवसर पर सचिव कौशल विकास एवं संयोजन विजय कुमार यादव, फिलिप्स एजुकेशन से रक्षित केजरीवाल एवं स्नाइडर इलेक्ट्रिक से श्रीकांत राव एवं टाटा टेक्नोलॉजी से प्रशांत आदि मौजूद रहे।