देहरादून :- महानगर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष लाल चंद शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा की उत्तराखंड राज्य में उपनल और विभिन्न स्रोतों से लगभग 25,000 कार्मिक विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं। इन कार्मिकों ने 2018 में उच्च न्यायालय नैनीताल में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्हें समान कार्य और वेतन देने का आदेश दिया गया था। इसके अलावा, उन्हें एक वर्ष के भीतर चरणवदशक से नियमित करने का भी आदेश दिया गया था।
लाल चंद शर्मा ने कहा की तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इस फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की थी। हालांकि, 15 अक्टूबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के फैसले को उचित करार देते हुए सरकार की विशेष याचिका को खारिज कर दिया।
महानगर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष लाल चंद शर्मा ने कहा है कि उपनल के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों को समान कार्य और वेतन दिया जाना चाहिए। लेकिन वर्तमान में, राज्य सरकार उपनल कार्मिकों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध पुनः विचार याचिका दायर करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने कहा “उत्तराखंड राज्य में उपनल कार्मिकों के अधिकारों की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण जीत हासिल हुई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने सरकार को उपनल कार्मिकों को समान कार्य और वेतन देने का आदेश दिया है। लेकिन राज्य सरकार अभी भी उपनल कार्मिकों के अधिकारों का सम्मान नहीं कर रही है। हम सरकार से मांग करते हैं कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करें और उपनल कार्मिकों को समान कार्य और वेतन दें।