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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने, जनपद बागेश्वर में प्रबुद्ध जनों, राज्य आंदोलनकारियों, एसएचजी महिलाओं व, विभिन्न संगठनों संग किया संवाद।
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मुख्यमंत्री धामी का सख्त निर्देश, जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समय पर पात्रों तक पहुँचे, लापरवाही बर्दाश्त नहीं।
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डीएम सविन बंसल के निर्देश पर, एसडीएम एवं नगर आयुक्त ऋषिकेश के नेतृत्व में, चंद्रभागा में अवैध अतिक्रमण ध्वस्त।
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कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने, मसूरी विधानसभा क्षेत्र में लगभग 20 करोड़ की लागत से, विभिन्न विकास कार्यों का किया  शिलान्यास।
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कुम्भ मेले में देवडोलियों व लोक देवताओं के प्रतीकों, एवं चल विग्रहों के स्नान और शोभा यात्रा की भव्य व्यवस्थाएं।
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डीएम सविन बंसल संग अर्ली मॉर्निंग वॉक, बढा गई बौद्धिक दिव्यांगजन का हौसला।
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धामी सरकार की बडी पहल, अब गढ़वाल मंडल भी जुडा हवाई सेवाओं से, देहरादून से टिहरी-श्रीनगर-गौचर अब हवाई मार्ग से जुड़े।
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राजभवन का नाम लोक भवन होने पर, राज्यपाल को बधाई एवं शुभकामनाएं दी, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी।
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मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की, पुण्य तिथि पर उनके चित्र पर श्रद्धासुमन किए अर्पित।
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धामी कैबिनेट के फैसले से संवरेगी आर्थिकी।

धामी कैबिनेट के फैसले से संवरेगी आर्थिकी।

मत्स्य पालकों में भारी उत्साह, कहा घर के पास ही मिला बाजार।

मत्स्य पालन को स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में अहम कदम।

देहरादून :- कैबिनेट के फैसले को लेकर मत्स्य उत्पादकों में भारी उत्साह है। उन्होंने कहा कि धामी सरकार का यह फैसला उनकी आर्थिकी को संवारने में मील का पत्थर साबित होगा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्वतीय जिलों की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कई जनकल्याणकारी योजनाओं को मंजूरी दी है। इसी क्रम में स्थानीय किसानों और पशुपालकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए विशेष अनुदान आधारित योजनाएं शुरू की गई हैं। कैबिनेट फैसले के अनुसार स्थानीय पशुपालक, कुक्कुट पालक और मत्स्य पालक अपनी भेड़, बकरी, कुक्कुट और मछली आईटीबीपी को बेच सकेंगे। इससे जहां स्थानीय ग्रामीणों को अपने उत्पादों के लिए घर के पास ही बाजार मिलेगा, वहीं वह अच्छी आय भी अर्जित कर सकेंगे।

उत्तराखंड में मत्स्य पालन की बेहतर संभावनाएं हैं। प्रदेश सरकार मत्स्य पालन को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के साथ ही मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत ₹200 करोड़ की योजनाएं संचालित की जा रही हैं। योजना के तहत राज्य के सभी पर्वतीय जिलों में कोल्ड रनिंग वाटर में ट्राउट मछली का उत्पादन बढ़ाया जाएगा। रेनबो ट्राउट मछली की विशेषता है कि यह ठंडे पानी में उत्पादित होती है। पानी का तापमान 12 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए। मत्स्य विभाग इसके लिए किसानों को प्रशिक्षित करता रहा है।

रेनबो ट्राउट मछली की मार्केटिंग पर जोर
रेनबो ट्राउट जिसे आमतौर पर हिमालयन मछली भी कहा जाता है, के उत्पादन और मार्केटिंग पर सरकार खास जोर दे रही है। इस मछली का उत्पादन मुख्य रूप से चमोली, उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, टिहरी, बागेश्वर में किया जाता है। रेनबो ट्राउट महंगी होने से स्थानीय बाजारों में इसकी मांग कम है, लेकिन महानगरों में अच्छी डिमांड है। अब देश के दूसरे राज्यों में इसकी मार्केटिंग पर जोर दिया जा रहा है। इससे मत्स्य उत्पादक भी अच्छी आय अर्जित कर सकेंगे। राज्य सरकार ने मत्स्य सहकारी समितियों के माध्यम से मत्स्य उत्पादन को बढ़ाने और मार्केटिंग के लिए उत्तरा फिश की स्थापना की है। उत्तरा फिश हिमालयी ट्राउट और अन्य स्थानीय मछलियों को बाजार दिलाने के लिए काम कर रही है।

हमारे प्रदेश में मत्स्य पालन की असीम संभावनाएं हैं। मत्स्य पालन को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं। अधिक से अधिक मत्स्य पालकों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना से जोड़ा जा रहा है।

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