देहरादून :- महानगर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष लाल चंद शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय लोकतंत्र के शिल्पकार और संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का संसद में अपमान, गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किए गए बयान के माध्यम से, न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह बीजेपी और आरएसएस की दलित विरोधी मानसिकता को एक बार फिर उजागर करता है। यह बयान केवल एक व्यक्ति का नहीं है, बल्कि एक ऐसी विचारधारा का परिचायक है, जो हमेशा से दलितों, शोषितों और वंचितों के अधिकारों के खिलाफ रही है। लाल चंद शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस ने हमेशा बाबासाहेब और उनके बनाए संविधान पर प्रहार किया है। इनकी नीतियों और विचारधारा में दलित समाज के लिए न तो कोई सम्मान है और न ही उनके अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता। अमित शाह का यह बयान बताता है कि संविधान और सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता कितनी कमजोर और खोखली है। उन्होंने कहा कि “बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान केवल दलित समाज का ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान है। कांग्रेस पार्टी ऐसे किसी भी कृत्य को कभी सहन नहीं करेगी। बीजेपी का यह कृत्य उनकी तानाशाही और विभाजनकारी राजनीति का प्रमाण है।
लाल चंद शर्मा ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी और गृह मंत्री अमित शाह से तुरंत सार्वजनिक माफी की मांग की और कहा कि यह घटना स्पष्ट करती है कि बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा समावेशी भारत के खिलाफ है।
लालचंद शर्मा कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा बाबासाहेब आंबेडकर के आदर्शों और संविधान की रक्षा के लिए खड़ी रही है और आगे भी दलित समाज के अधिकारों और सम्मान के लिए हर मंच पर लड़ाई लड़ेगी। “हम बीजेपी और आरएसएस की इस दलित-विरोधी मानसिकता को किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम संविधान और उसके निर्माता बाबासाहेब के सम्मान की रक्षा करें। शर्मा ने कहा कि कॉंग्रेस पार्टी देश के सभी सामाजिक संगठनों और न्यायप्रिय नागरिकों से अपील करती है कि वे इस अपमान के खिलाफ आवाज उठाएं और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी संविधान के मूल्यों के साथ खिलवाड़ न कर सके।