सभी 13 जिलों के डीएम के साथ तैयारियों की समीक्षा की।
देहरादून :- राष्ट्रीय खेलों का काउंटडाउन सोमवार से उस वक्त शुरू हो गया जब खेल मंत्री रेखा आर्या ने राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम से प्रचार टीमों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके अलावा खेल मंत्री ने सभी 13 जनपदों के जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर तैयारियों की समीक्षा की।
26 दिसंबर से हल्द्वानी के गोलापार में राष्ट्रीय खेलों की औपचारिक मशाल यात्रा शुरू होनी है, इसके लिए तीन सजेधजे कैंटर व अन्य टीमों को सोमवार को देहरादून से रवाना किया गया। खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि 26 दिसंबर को हल्द्वानी से शुरू होकर मशाल यात्रा पूरे एक महीने का सफर तय करते हुए 25 जनवरी को देहरादून पहुंचेगी। इस दौरान हर जनपद में दो से तीन दिन तक विभिन्न आयोजन किए जाएंगे। इसमें साइकिल रैली, मैराथन, प्रभात फेरी, रस्साकशी, पंजा प्रतियोगिता, स्कूलों में क्विज जैसे आयोजन किए जाएंगे। इसके अलावा इन कार्यक्रमों के दौरान हर जनपद में कम से कम 500 वॉलिंटियर्स का रजिस्ट्रेशन करने का लक्ष्य रखा गया है जो राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में सहभागिता करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में खेल मंत्री रेखा आर्या ने सभी जिलाअधिकारियों को निर्देश दिए की कार्यक्रम के दौरान कुछ सेल्फी प्वाइंट भी बनाए जाएं, जहां आम लोग राष्ट्रीय खेलों के प्रतीकों के साथ सेल्फी ले सकें । इसके अलावा मौली का वेश धरकर युवा जनता के बीच जाकर उनसे भेंट करेंगे।
*पांडवाज बैंड मचाएंगा धूम*
राष्ट्रीय खेलों के दौरान देश भर के लोगों के सामने उत्तराखंड की संस्कृति को एक नए तेवर और कलेवर के साथ पेश करने की तैयारी है। इसकी शुरुआत मशाल यात्रा से की जा रही है। मशाल यात्रा के दौरान मशहूर पांडवाज बैंड के प्रदेश भर में कुल 5 शो आयोजित किए जाएंगे। इनके अलावा कमला देवी जैसे लोक कलाकारों से भी बातचीत की जा रही है और हर जनपद में एक या दो ऐसे बड़े आयोजन करने की योजना है, जो प्रदेश की संस्कृति को दिखाते हों।
*राष्ट्रीय खेलों के रंग में रंगा होगा गणतंत्र दिवस*
इस साल प्रदेश में हाेने वाले 26 जनवरी के आयोजन भी राष्ट्रीय खेलों के रंग में रंगे होंगे। स्कूल कालेजों में होने वाले आयोजनों में राष्ट्रीय खेलों से जुडे प्रतीकों की झांकियां भी शामिल की जाएंगी। इसके अलावा गणतंत्र दिवस पर हर स्कूल में राष्ट्रीय खेलों के महत्व और इसके इतिहास से बच्चों को परिचित कराया जाएगा। साथ ही उन्हें खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने पर मिलने वाले लाभों की जानकारी भी दी जाएगी।
*खिलाड़ियों को सिखाया डोपिंग से कैसे बचें*
राष्ट्रीय खेलों में प्रदेश की टीमों में चयन के लिए प्रशिक्षण दे रहे सभी खिलाड़ियों को सोमवार को यह बताया गया कि क्या सावधानी बरत कर डोपिंग के फेर में फंसने से बच सकते हैं । राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के सभागार में खेल मंत्री रेखा आर्या ने इस कार्यशाला का उद्घाटन किया। खेल मंत्री ने कहा कि कई बार खिलाड़ी सोचते हैं कि उसने तो सिर्फ एक दवाई ली थी, यह प्रतिबंधित ड्रग कैटेगरी में कैसे आ गई। ऐसा इसलिए होता क्योंकि खिलाड़ियों के स्तर पर यह जागरूकता नहीं होती कि कौन-कौन सी ड्रग्स डोपिंग की परिधि में आते हैं। उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि आपके माता-पिता ने आप पर बड़ा भरोसा करके आपको स्पोर्ट्स पर्सन बनाने का फैसला किया है, अपने करियर में हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि कभी उन्हें नीचा नहीं देखना पड़े । कार्यशाला में नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी के विशेषज्ञ अमित कंडवाल ने खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया। इस कार्यशाला में देहरादून में चल रहे प्रशिक्षण शिविरों के सभी खिलाड़ी शामिल थे, जबकि प्रदेश के अन्य शहरों में चल रहे प्रशिक्षण शिविरों के खिलाड़ी इसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे।
इस मौके पर विशेष खेल सचिव अमित सिन्हा, निदेशक प्रशांत आर्या व अन्य आला अधिकारी मौजूद रहे।