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मसूरी विधानसभा क्षेत्र में बीएलए-2 की नियुक्ति को लेकर, पार्टी पदाधिकारियों से की वार्ता, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी।
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विकसित भारत @ 2047 की दिशा तय करता संवाद।
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सीएम धामी ने आंध्रप्रदेश के अन्नामय्या जिले के, मदनपल्ली में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की, प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम में किया प्रतिभाग।
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रामलीला मैदान दिल्ली में, वोट चोर गद्दी छोड़’ महारैली में, उत्तराखंड कांग्रेस से हजारों कार्यकर्ताओं ने कियाप्रतिभाग, राजीव महर्षि।
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स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार और उत्कृष्ट कार्यों के लिए, डॉ. आर. राजेश कुमार को पीआरएसआई राष्ट्रीय सम्मान।
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हॉर्टिटूरिज्म की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत कार्ययोजना हो तैयार, उद्यान मंत्री गणेश जोशी।
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डीएम बंसल के निर्देशों के अनुपालन में बड़ी कार्रवाई, सुभारती कॉलेज; रू 87.50 करोड़ का वसूली वारंट जारी। 
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सीएम पुष्कर धामी स्वयं सड़क मार्ग से करेंगे, शीतकालीन पर्यटन व्यवस्थाओं का निरीक्षण।
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मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में संचालित किया जायेगा, ‘‘जन जन की सरकार-जन जन के द्वार’’ अभियान।
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2027 तक प्रदेश का कृषि उत्पादन दोगुना करना लक्ष्य, कृषि मंत्री गणेश जोशी।

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कोदा झंगोरा उगाएंगे, उत्तराखंड को आगे बढ़ाएंगे।

देहरादून :- अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंड सम्मेलन के चतुर्थ सत्र में कृषि व ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन के दौरान एक नारा खूब लगता था-कोदा, झिंगोरा खाएंगे, उत्तराखंड बनाएंगे। अब बदली हुई स्थिति में नारा बदल गया है। नया नारा है-कोदा झिंगोरा उगाएंगे, उत्तराखंड को आगे बढ़ाएंगे।

चतुर्थ सत्र में अपने संबोधन में जोशी ने कहा कि जहां तक जैविक खेती का सवाल है, आज करीब 40 फीसदी तक हमारी खेती जैविक है। इस साल हम इसे 50 फीसदी तक ले जाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं। पिछले चार वर्षों से हमें जैविक खेती में प्रथम पुरस्कार मिल रहा है। प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होेंने मिलेट्स को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि मिलेट्स के लिए उत्तराखंड में बेहद उपयोगी स्थिति मौजूद है। उन्होंने कहा कि हम कृषि क्षेत्र में नई तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। 2027 तक हम अपना उत्पादन दुगना करने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बागवानी के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों, उपलब्धियों के बारे में भी विस्तार से बात की।

सचिव दीपेद्र कुमार चौधरी ने कहा कि राज्य में छह एरोमा वैली प्लांट डेवलप किए जा रहे हैं। एरोमा पार्क काशीपुर में 40 एकड़ भूमि पर इत्र से संबंधित प्रोसेस यूनिट को एक जगह पर लाने का निर्णय महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि एरोमा वैली पालिसी प्रारूप तैयार है, जिसे दो-तीन महीने में अनुमोदन प्राप्त हो सकता है। उन्होेंने बताया कि कीवी के उत्पादन को मिशन मोड में लेकर कार्य किया जाएगा।

काश्तकारों ने बताई सफलता की कहानी

काश्तकार बलबीर सिंह कांबोज ने बताया कि वह 18 एकड़ भूमि पर फूलों की खेती करते हैं। यहां की जलवायु अच्छी है। इस व्यवसाय के लिए सारी स्थितियां अनुकूल हैं। उन्होंन कहा कि प्लास्टिक के फूलों को सीमित करना चाहिए। प्राइवेट कंपनी चला रहे चंद्रमणि कुमार ने बताया कि उनकी कंपनी ने 18 राज्यों में 40 हाइड्रोपोनिक फार्म बनाए हैं। युगांडा में भी काम कर रहे है।

मधुमक्खी पालन व्यवसाय कर रहे अतर सिंह कैंत्यूरा ने कहा कि हमारे जंगल मधुमक्खी पालन के लिए उपयुक्त हैं। उत्तराखंड में बहुत पहले से इस संबंध में काम किया जा रहा है। जौजीकोट में देश का पहला मधुमक्खी बाॅक्स बना था।

नैनीताल की आरोही संस्था के पंकज तिवारी ने कहा कि विकास में संतुलन जरूरी है। उन्होंने मशरूम उत्पादन, शहद उत्पादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मिश्रित खेती उत्तराखंड के लिए अच्छी है, क्योंकि पहाड़ काफी असिंचित खेती है। मृदा का स्वास्थ्य वैसा ही रखना है, जैसे हम अपने स्वास्थ्य को रखते हैं।

एक प्राइवेट कंपनी संचालित कर रहे मनमोहन भारद्वाज ने कहा कि कलस्टर मे काम किया जाना ज्यादा लाभदायी है। उन्होंने बताया कि उनके स्तर पर 200 बीघा जमीन पर काम किया गया है। चतुर्थ सत्र में मेहमानों का स्वागत ग्राम्य विकास आयुक्त अनुराधा पाॅल ने किया। सत्र का संचालन आर्गनिक बोर्ड के एमडी विनय कुमार ने किया। इस मौके पर प्रवासी उत्तराखंडियों और मेहमानों का सम्मान भी किया गया।

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