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दो माह में पूर्ण हो कण्डारस्यूं पेयजल योजना, डॉ धन सिंह रावत।
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SGRR विश्वविद्यालय एवम, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के, स्वास्थ्य शिविर का 841 मरीजों ने उठाया लाभ।
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एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज एटलिटिका 2025 में, एमबीबीएस 2021 बैच ऑवरऑल चैम्पियन।
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डीएवी पीजी कॉलेज में 100 फीट ऊँचे राष्ट्रीय ध्वज की, स्थापना कार्यं का किया भूमि पूजन, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी।
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मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड महक क्रांति नीति, 2026-36 का किया शुभारम्भ, लगभग 23 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सुगंधित फसलों की होगी खेती।
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चुनाव अपराधों में हो सकती है, छः वर्ष तक की सजा।

चुनाव अपराधों में हो सकती है, छः वर्ष तक की सजा।

देहरादून/काशीपुर :-  चुनावों में विभिन्न उम्मीदवार तथा उनके समर्थक विभिन्न गंभीर अपराध करते हैं। इसमें न केवल जेल की सजा हो सकती हैं बल्कि उन्हें चुनाव लड़ने तथा वोट डालने तक के लिये अयोग्य घोषित किया जा सकता है। ऐसे अपराधों का मुकदमा चुनावों में मतदान, यहां तक परिणाम घोषित होने के बाद भी दर्ज कराया जा सकता है। चुनाव सम्बन्धी कानून, नगर निगम चुनाव कानून तथा नगर पालिका चुनाव कानून सम्बन्धी पुस्तकों सहित 45 कानूनी पुस्तकों के लेखक नदीम उद्दीन एडवोकेट ने उक्त जानकारी चुनाव सम्बन्धी अपराधों की जानकारी देते हुए दी।

01 जुलाई 2024 में लागू भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 के अन्तर्गत धर्म, जाति, क्षेत्र भाषा आदि के आधार पर नफरत फैलाने पर तीन वर्ष तक की सजा हो सकती है। यह अपराध पूजा के स्थान या धर्म स्थल में करने पर पांच वर्ष तक की सजा हो सकती है। चुनाव में प्रभाव डालने के लिये यह अपराध करने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के अन्तर्गत तीन वर्ष तक की सजा हो सकती है। इस प्रकार चुनाव के समय यह अपराध करने पर छः वर्ष तक की सजा हो सकती है।

भारतीय न्याय संहिता 2023 के अन्तर्गत दण्डनीय चुनाव अपराधों में धारा 173 के अन्तर्गत एक वर्ष तक की सजा से दण्डनीय चुनाव में वोट डालने, न डालने आदि के लिये धन, इगम, वस्तु, स्वागत सत्कार लेना या देना, धारा 174 में दण्डनीय फर्जी मतदान करना, धारा 175 के अन्तर्गत नुकसान पहुंचाने की धमकी या धार्मिक पाप या अप्रसाद का विश्वास दिलाकर किसी के मत मे वोट डालने या न डालने आदि के लिये शामिल है। धारा 176 के अन्तर्गत चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने के लिये किसी उम्मीदवार के सम्बन्ध में झूठा कथन करने पर जुर्माने की सजा हो सकती है। वहीं धारा 176 के अन्तर्गत चुनाव के सिलसिले में बिना खाते में दर्शाये अवैध भुगतान करने पर भी दस वर्ष तक के जुमार्न तथा 177 के अन्तर्गत चुनाव के खर्च धन का हिसाब रखने पर असफल होने पर पांच हजार के जुर्माने की सजा हो सकती है।इसके अतिरिक्त भारतीय न्याय संहिता की 356 के अन्तर्गत मानहानि करने पर भी दो वर्ष तक की सजा हो सकती है।

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अन्तर्गत दण्डनीय चुनाव अपराध नगर निकाय चुनाव सहित सभी चुनावों में लागू होते हैं। इन अपराधों में धारा 135क के अन्तर्गत दण्डनीय बूथ कैप्चरिंग पर तीन साल तक की सजा, मतदान समाप्ति से 48 घंटे के समय में सार्वजनिक सभा आदि करने पर दो वर्ष तक की सजा धारा 126 के अन्तर्गत तथा  मतदान केन्द्र में या निकट हथियार लेकर जाने पर धारा 134(ख) के अन्तर्गत हो सकती है। मतदान केन्द्र से मतपत्रों को हटाने पर धारा 135 के अन्तर्गत एक वर्ष तक की सजा हो सकती है।

6 माह तक की जेल की सजा से दण्डनीय अपराधों में चुनाव के सम्बन्ध में झूठा शपथपत्र या सूचना देना (धारा 125क), चुनाव सभा में उपद्रव (धारा 127), चुनाव सामग्री व पोस्टर आदि छापने के नियमों का उल्लंघन (धारा 127क), चुनाव ड्यूटी पर लगे लोगों का उम्मीदवारों के पक्ष में कार्य करने पर  (धारा 129) , मतदान के दिन कर्मचारियों को छुट्टी न देना (धारा 135ड), मतदान समाप्त होने से 48 घंटे पूर्व से मतदान तक शराब का वितरण या विक्रय (135ग), मतपत्र सम्बन्धी अन्य अपराध-छः माह  (धारा 136) अपराध शामिल है।

नदीम ने बताया कि तीन माह तक की सजा से दण्डनीय अपराधों में मतदान की गोपनीय न रखना (धारा 128), सजा, ) मतदान केन्द्रों में या उसके निकट खराब आचरण (धारा 131),  मतदान केन्द्र में अवैध प्रवेश करना या बने रहना (धारा 132), चुनाव में वोटरों के लिये परिवहन सेवा में उपलब्ध कराना (धारा 133),  सरकारी सेवकों का एजेन्ट बनना (धारा 134क) अपराध शामिल हैं।

चुनाव में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा कर्तव्य भंग (धारा 134), मतदान केन्द्रों या उसके निकट वोट मांगना (धारा 130)पर जुर्माने की सजा हो सकती है।

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