देहरादून:- उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों के लिए व्यय पर्यवेक्षक उत्तराखंड पहुँच चुके है। और शुक्रवार को होने वाले नामांकन के दौरान उनके द्वारा प्रत्याशियों व पार्टियों के खर्च की पूरी निगरानी की जाएगी। संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी नमामि बंसल ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन में शराब के दुरुपयोग को रोकने के लिए नियमित रूप से कार्रवाई की जा रही है। 20 मार्च को नैनीताल के मुक्तेश्वर थाना क्षेत्र में कुल 450 लीटर शराब बरामद करने के साथ ही चंपावत में 600 लीटर शराब बरामद की गई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 के लोकसभा निर्वाचन के दौरान कुल 3 करोड़ की शराब बरामद की गई थी जबकि वर्ष 2022 के विधानसभा निर्वाचन के दौरान कुल 4 करोड़ 70 लाख रुपये की शराब बरामद की गई थी।
नमामि बंसल ने बताया कि शराब का दुरुपयोग रोकने के लिए कुल 497 फ्लाइंग दस्ते गठित किये गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर शराब के कुल 628 वितरण केंद्रों के अलावा 8 बॉटलिंग प्लांट व डिस्टिलरी की सीसीटीवी के जरिये मॉनिटरिंग की जा रही है। साथ ही शराब वितरण में लगे सभी वाहनों पर भी जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 के लोकसभा निर्वाचन के दौरान कुल 10 बूथों पर लोगों ने चुनाव बहिष्कार किया था, इनमें ज्यादातर बूथ उत्तरकाशी के थे। जबकि सहसपुर, घनसाली व हरिद्वार ग्रामीण में एक-एक बूथ पर बहिष्कार किया गया था लेकिन इस बार अभी तक कहीं से भी बहिष्कार की शिकायत नहीं प्राप्त हुई है।साथ ही सी-विजिल पर अब तक प्राप्त सभी 5625 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 2019 में कुल 30 बूथ पी-थ्री (वह बूथ जहां तीन दिन पहले पोलिंग पार्टियां रवाना होती हैं) ऐसे थे, जहां पोलिंग पार्टियों को पैदल पहुँचना पड़ा। इस बार ऐसे केवल 12 बूथ हैं। इनमें उत्तरकाशी के 11 व एक बूथ कनार धारचूला, पिथौरागढ़ में स्थित है। इस बूथ पर 10 किलोमीटर की दूरी व कुल 586 मतदाता हैं। जबकि उत्तरकाशी के लिवाड़ी की दूरी 20 किलोमीटर होने के साथ इस बूथ पर कुल 577 मतदाता हैं।