देहरादून :- महानगर कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने भू कानून पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड में सख्त भू कानून को मंजूरी दी गई है, और दावा किया जा रहा है यह भू कानून हिमाचल प्रदेश से भी सख्त भू कानून है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सालों से चली आ रही भू कानून की मांग आखिरकार पूरी हो गई लेकिन जब यह कानून बनेगा तब ही इसकी सच्चाई सामने आयेगी की कानून कितना सख्त है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार का दावा है कि हिमाचल प्रदेश से अधिक सख्त भू कानून बना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस भू कानून को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा कि इस भू कानून में उत्तराखंड के पहाड़ की कृषि, उद्यान की जमीन को बचाने को प्रदेश की भाजपा सरकार में सख्त प्रावधान किए गए हैं। अब हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर को छोड़ कर राज्य के बाकी ग्यारह पहाड़ी जिलों से बाहर का कोई भी व्यक्ति कृषि, उद्यान के लिए जमीन नहीं खरीद सकेगा। साथ ही कहा कि मसलन हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर को छोड़ बाकी ग्यारह जिलों में जमीन खरीद प्रतिबंधित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि निकाय सीमा में तय भूउपयोग से हटकर जमीन के इस्तेमाल करने पर भी सख्त कार्रवाई का नियम है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में भू कानून के सभी प्रावधान को निरस्त कर यह फैसला लिया गया है। अब राज्य में साढ़े बारह एकड़ से अधिक जमीन खरीद की मंजूरी नहीं दी जाएगी। पहाड़ों पर चकबंदी और बंदोबस्ती को तेजी से पूरा किया जाएगा।
लालचंद शर्मा ने कहा कि दूसरे राज्य के लोगों के लिए राज्य में जमीन खरीदना बेहद मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जमीनों की खरीदारी के लिए अब जिलाधिकारी अनुमति नहीं दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि वहीं राज्य में जमीन खरीद के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा। इस पोर्टल में उत्तराखंड के बाहर के लोगों की एक एक इंच जमीन खरीद का ब्यौरा लिया जाएगा। साथ ही कहा कि निकाय सीमा से बाहर दूसरे राज्य के लोगों को जमीन खरीदने को शपथ पत्र अनिवार्य रूप से देना होगा। उन्होंने कहा कि उनकी जमीन को आधार से लिंक किया जाएगा। शर्मा ने कहा कि एक परिवार में दो लोगों के तथ्य छुपाकर जमीन खरीदने पर सख्त कार्रवाई के रूप में जमीन सरकार में निहित कर दी जाएगी।
लालचंद शर्मा ने कहा कि सभी डीएम को राजस्व परिषद और शासन को सभी जमीनों की खरीद की रिपोर्ट नियमित रूप से देनी होगी। उन्होंने कहा कि नगर निकाय सीमा में जमीनों के तय भू उपयोग के अंतर्गत ही लोग उसका इस्तेमाल कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य से बाहर के लोगों के इसका दुरुपयोग करने सरकार स्तर से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वहीं नियमों से हटकर किए गए इस्तेमाल पर जमीन सरकार में निहित होगी। उन्होंने कहा कि सरकार उत्तराखंड के भू कानून को हिमाचल प्रदेश के भू कानून से भी सख्त होने का दावा कर रही है।

