देहरादून:- मुम्बई के एक आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा मेरे व मेरे परिवार जनों के बारे में पिछले दिनों एक अनर्गल समाचार का मीडिया व सोसल मीडिया द्वारा प्रसार किया जा रहा है। गलगली द्वारा प्रचार किया जा रहा है कि मैंने अपनी शिक्षण संस्था के लिए अनन्त अम्बानी से 15 करोड़ का चन्दा लिया। यह समाचार पूरी तरह भ्रामक है और यह सिर्फ मेरी छवि को बदनाम करने के लिए गड़ा गया है मैं ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए परामर्श कर रहा हूं और जल्द इस पर कार्रवाई करूंगा।
पूर्व राज्यपाल कोश्यारी ने कहा है कि मेरी कोई भी शिक्षण संस्था है ही नहीं। मुम्बई राजभवन में मुझ से सम्भ्रान्त जनों से लेकर सामान्य नागरिक तक मिलते रहते थे इसी कम में राजभवन मुम्बई में अनन्त अम्बानी से कुछ देर के लिए भेंट हुई। मैंने अम्बानी से अखिल भारतीय शिक्षण संस्था विद्या भारती द्वारा नैनीताल में स्थित पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार सीनियर हायर सेकण्डरी स्कूल व उसकी शिक्षण शाखाओं के लिए सीएसआर फण्ड से सहयोग को कहा। अम्बानी ने तत्काल उक्त शिक्षण संस्था को 15 करोड़ का दान सीएसआर के अन्तर्गत दिया गया। उक्त शिक्षण संस्था में मेरे अथवा मेरे परिवार का कोई भी सदस्य नहीं है। यह विद्यालय लगभग 40 वर्ष से चल रहा है तथा इसकी शाखायें भी काफी समय से चल रहीं हैं।
एक समाजिक राजनैतिक कार्यकर्ता के नाते किसी भी एमएलए, एमपी या मंत्री आदि द्वारा समय-2 पर शिक्षा स्वास्थ्य आदि जनोपयोगी सामाजिक कार्यों के लिए सीएसआर अथवा आयकर के 80जी के अन्तर्गत सहयोग लिया जाता रहा है। हमारे उत्तराखण्ड के द्वितीय राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल ने तो अपने समय में धनी लोगों से लेकर सामान्य जन से हिमज्योति स्कूल के लिए सहयोग लिया गया। आज भी यह विद्यालय दूरस्थ इलाकों के बच्चों को शिक्षा दे रहा है। गलगली द्वारा यह कहना कि मुम्बई के लिए गये आर्थिक सहयोग से मेरे भतीजे दीपेन्द्र द्वारा जमीन खरीदने व रिजार्ट बनाने जैसे मनगढन्त आरोप लगा कर हमारे सम्मान को गहरी चोट पहुँचाई है मैं स्वयं एवं दीपेन्द्र इस संबंध में कानूनी परामर्श ले रहे हैं तथा शीघ्र ही अनिल गलगली व इस भ्रामक व हमारे सम्मान को आघात पहुंचाने वाले सामाचार पत्रों के विरूद्ध कानूनी व न्यायिक कार्यवाही की जायेगी।