देहरादून :- बुधवार को महानगर कांग्रेसजनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा के नेतृत्व में राज्य के निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर त्रिस्तरीय पंचायतों में निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव कराये जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।
पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में एक बार फिर त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की घोषणा के उपरान्त निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचना रद्द की जा चुकी है। आगामी समय में सम्पन्न होने वाले पंचायत चुनाव में लगभग 48 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। आपके संज्ञान मे लाना चाहेंगे कि इसी वर्ष जनवरी 2025 में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा शहरी क्षेत्रों में नगर निकाय चुनाव संपन्न कराए गये थे, जिनमें करीब 30 लाख वोटरों के नाम वोटिंग लिस्ट में दर्ज थे। उसी दौरान राज्यभर से हजारों शिकायतें आई थीं कि कई लोगों के नाम मतदाता सूची से हटा दिये गये हैं। हमें आशंका है कि राज्य में सम्पन्न होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में भी इसी प्रकार की भारी गड़बड़ियां दोहराई जा सकती हैं और बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से नदारद हो सकते हैं। यह आशंका इस बात से भी और मजबूत होती है कि पिछले साल अप्रैल 2024 में हुए लोकसभा चुनावों में उत्तराखंड में 84 लाख से अधिक पंजीकृत मतदाता थे, जबकि शहरी निकाय और अब पंचायत चुनावों में कुल मतदाता संख्या लगभग 78 लाख के आसपास ही सीमित रह गई है।
पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि कई क्षेत्रों में यह भी देखने में आया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे मतदाताओं का नाम भी वोटर लिस्ट में शामिल हैं जो नगरी क्षेत्र में सम्पन्न हुए निकाय चुनावों में अपने मतदान का प्रयोग कर चुके हैं अतः ऐसे मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से हटाया जाना चाहिए। पंचायत चुनावों को समय पर न कराने के लिए मा0 न्यायालय की डांट सुनने के उपरान्त आनन-फानन में कराये गये आरक्षण निर्धारण एवं अधिसूचना के चलते निर्वाचन आयोग को एकबार फिर से बैकफुट पर आना पड़ा है। पंचायत चुनावों को लेकर असमंजसता बनी हुई है अतः राज्य निर्वाचन आयोग को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी विरेन्द्र पोखरियाल ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली शहरी निकाय चुनावों में पहले ही अविश्वसनीय और लचर साबित हो चुकी है। हाल ही में सम्पन्न हुए नगर निकाय चुनाव में निर्वाचन आयोग के अधिकारियों द्वारा प्रत्याशियों के पोलिंग ऐजेंटों को बाहर निकाल दिया गया साथ ही एक-एक मतगणना स्थल पर काउटिगं ऐजंटो को 24 घंटे लगातार खड़ा रखा और कर्माचारियों को 8 घटों की शिफ्टिंग लगाई गई जिससे पूरी मतगणना की प्रक्रिया संदेह के घेरे में आ गई थी। हमारा स्पष्ट आग्रह है कि इतनी बड़ी और दोहराई जाने वाली चूक दोबारा न हो। हर मतदाता का नाम वोटर लिस्ट में होना लोकतंत्र की बुनियादी शर्त है। अतः त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जिम्मेदारी और पारदर्शिता के साथ सम्पन्न कराये जांय।
ज्ञापन सौंपने वालों में पूर्व विधायक राजकुमार, गोदावरी थापली, वीरेंद्र पोखरियाल, संजय किशोर, महिपाल शाह, नीनू सहगल, परवीन त्यागी, मोहित नेगी, अश्वनी बहुगुणा, विनीत डोभाल, सुमित नेगी, शम्मी प्रकाश, अशद खान, अभिषेक उनियाल, राजीव ठाकुर आदि उपस्थित रहे।
