देहरादून:- पूर्व महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने प्रदेशभर में की जा रही अघोषित बिजली कटौती पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भीषण गरमी का मौसम शुरू हो गया है तथा सरकार द्वारा राज्य में की जा रही अघोषित बिजल कटौती से न केवल जनता को भीषण गरमी की मार झेलनी पड़ रही है अपितु किसानों तथा फल उत्पादकों की फसलों को पानी न मिलने से फसले चौपट होती जा रही हैं।
लालचन्द शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा बिजली के दामों में तो लगातार वृद्धि की जा रही है परन्तु जनता को सुविधायें उपलब्ध कराने में सरकार असमर्थ है। सरकार द्वारा बार-बार बिजली के दाम तो बढ़ाये जा रहे हैं परन्तु उसी गति से कई घंटों तक बिजली की अघोषित कटौती कर जनता को गरमी की मार झेलने को मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अघोषित बिजली कटौती से कई क्षेत्रों में पीने के पानी की भी समस्या उत्पन्न हो रही है परन्तु सरकार को केवल अपना खजाना भरने की चिंता है आम जनता की नहीं। उन्होंने कहा कि रिकार्ड तोड़ गरमी में राजधानी देहरादून का तापमान 45 डिग्री को छू गया है इसके बावजूद शहरी क्षेत्र का आलम यह है कि 24 घंटे में लगभग 12 घंटे बिजली गुल हो रही है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र 4 घंटे ही बिजली आ रही है।
लालचन्द शर्मा ने कहा कि यही हाल सरकार की घर-घर नल योजना का भी है सरकार ने जनता के धन की बरबादी करते हुए गांवों में नल तो लगा दिये परन्तु इन नलों में पानी कहां से आयेगा इसकी कोई व्यवस्था नहीं की। उन्होंने कहा कि पर्वतीय जनपदों के मूल स्रोत सूख चुके हैं तथा मैदानी क्षेत्रों में कई इलाके डार्क जोन में पहुंच गये हैं ऐसे में सरकार की घर-घर नल योजना कहां तक कारगर हुई सरकार को स्पष्ट करना चाहिए। जनता के धन का दुरूपयोग कर लोगों के घरों में लगाये गये पानी के नल मात्र शो पीस बनकर रह गये हैं। पूरे देश में भीषण गर्मी का मौसम शुरू हो गया है तथा जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है उत्तराखण्ड राज्य के कई क्षेत्रों में पेयजल संकट भी गहराता जा रहा है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में प्राकृतिक पेयजल स्रोतों पर अधिकतर लोगों की निर्भरता रहती है, परन्तु पर्वतीय क्षेत्रों के लगभग 70 प्रतिशत पेयजल श्रोत माह अप्रैल से ही सूख जाते हैं। बढती गर्मी के प्रकोप के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों के कई जनपदों में स्थानीय लोगों को भारी पेयजल की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। लालचन्द शर्मा ने धामी सरकार से बिजली कटौती बंद करने की मांग की है।