देहरादून:- अल्मोड़ा जिले में बिनसर सेंचुरी अभ्यारण्य के जंगलों में लगी आग की आंच वन विभाग के अधिकारियों तक भी पहुंच गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस आग में चार कर्मचारियों की मौत और चार अन्य के झुलसने के मामले को गंभीरता से लिया है। शुक्रवार को इस मामले में डीएफओ अल्मोड़ा समेत दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
बिनसर के जंगलों में लगी आग बुझाने के लिए जहां सेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली गई है वहीं मुख्यमंत्री धामी ने मामले में कार्रवाई करते हुए सीसीएफ कुमाऊं पीके पात्रो को मुख्यालय अटैच किया है, जबकि कंजरवेटर फारेस्ट कोको रोसे और अल्मोड़ा के डीएफओ ध्रुव सिंह मर्तोलिया को निलंबित कर दिया है। इस फायर सीजन में अब तक आग की 1200 से अधिक घटनाएं प्रकश में आ चुकी हैं और 1400 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्रफल आग से प्रभावित हो चुका है। आग में अब तक दस व्यक्तियों की मौत हो चुकी है, जबकि 08 लोग झुलसकर घायल हो गए हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त रुख के बाद आग लगाने वालों के विरुद्ध 388 से अधिक मुकदमे दर्ज कर 64 व्यक्तियों की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है।
मई माह में जंगल में आग लगने का मामला हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार के वकील ने आग पर काबू पाने के उपाय किए जाने की दलील दी थी, लेकिन इसके बावजूद कुछ नहीं हुआ। नतीजतन, बिनसर के जंगलों में लगी आग ने वन विभाग के ही चार कर्मचारियों की जान ले ली और चार अन्य को झुलसा दिया, जिन्हें उपचार के लिए दिल्ली एम्स भेजा गया है। वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बिनसर के जंगलों की आग बुझाने के लिए जो कर्मचारी भेजे गए थे, उनके पास आवश्यक उपकरण तक नहीं थे, नतीजा वन विभाग के कर्मचारी ही आग की चपेट में आ गए।