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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से, मुख्यमंत्री आवास में बॉलीवुड अभिनेत्री श्रीमती पद्मिनी कोल्हापुरे ने की शिष्टाचार भेंट। 
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मुख्यमंत्री ने किया 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का लोकर्पण और शिलान्यास।
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भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री, डॉ. मुरली मनोहर जोशी से, कृषि मंत्री गणेश जोशी ने की शिष्टाचार भेंट।
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निकाय चुनाव- पर्यवेक्षकों की टीम आज पार्टी नेतृत्व को सौंपेंगे नामों के पैनल।
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बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को, अनर्गल बयान बाजी करने से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने, केंद्रीय मंत्री अमित शाह का किया पुतला दहन, लालचंद शर्मा।
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हमारी टीम घर-घर जाकर संजीवनी योजना, और महिला सम्मान योजना के लिए करेगी पंजीकरण, अरविंद केजरीवाल।
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चोटिल हुए भारतीय टीम के कप्तान, 26 दिसंबर से शुरु होने वाले चौथे सीरीज के मुकाबले पर छाया संकट। 
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साल 2047 में भारत को विकसित बनाने में, भारतीय कामगारों की रहेगी अहम भूमिका, प्रधानमंत्री मोदी।
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कॉकटेल के सीक्वल पर लगी मुहर, शाहिद कपूर के साथ कृति सेनन और रश्मिका मंदाना मचाएंगी धमाल
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एनसीएईआर ने जारी किया देश में गरीबी का आंकड़ा, यहां देखें रिपोर्ट

एनसीएईआर ने जारी किया देश में गरीबी का आंकड़ा, यहां देखें रिपोर्ट

नई दिल्ली। देश में महंगाई और गरीबी एक ऐसा मुद्दा है, जिसपर सरकार बनती भी है और बिगड़ती भी है. इस लोकसभा चुनाव विपक्ष ने गरीबी को लेकर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला और गरीबों के लिए सरकार द्वारा किए गए कामों की रिपोर्ट भी मांगी. हालांकि चुनाव खत्म हो चुके हैं और लगातार तीसरी बार पीएम नरेंद्र मोदी ने देश की कमाल संभाली है. हाल ही में देश में गरीबों की संख्या को लेकर इकोनॉमिक थिंक टैंक एनसीएईआर ने एक रिपोर्ट जारी की, जिससे मोदी सरकार को जरूर राहत मिलेगी. रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले दस साल में देश में गरीबी कम हुई है, जो साल 2011-12 में 21 प्रतिशत हुआ करती थी. लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 10 वर्षों में भारत में गरीबी के स्तर में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. 2023-24 में इसके 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

गरीबों को मिला सरकारी योजनाओं का फायदा
नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) की यह स्टडी भारत मानव विकास सर्वेक्षण (आईएचडीएस)​​ के ताजा डेटा के आधार पर जारी की गई है. सोनाल्डे देसाई के नेतृत्व में एनसीएईआर के अर्थशास्त्रियों ने अपने अनुमान में कहा कि पिछले 10 वर्ष में ग्रामीण इलाकों में गरीबी का अनुपात गिरकर 8.6 प्रतिशत रह गया है, जो कि 2011-12 में 24.8 प्रतिशत पर था. इस दौरान शहरी इलाकों में गरीबी का अनुपात 13.4 प्रतिशत से गिरकर 8.4 प्रतिशत रह गया है. शहरों की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में गरीबी दर में ज्यादा गिरावट हुई है. रिपोर्ट में कहा गया कि केंद्र और राज्य सरकारों ने सार्वजनिक विपणन प्रणाली के तहत कई स्कीम लॉन्च की है. इससे फूड सब्सिडी बढ़ी है और इसका फायदा गरीब लोगों को मिला है.

ग्रामीण इलाकों में गरीबी दर में गिरावट
ग्रामीण इलाकों में गरीबी दर में गिरावट पर एसबीआई की ओर से भी एक रिपोर्ट जारी की गई थी. एसबीआई की रिपोर्ट में बताया गया कि 2018-19 से गरीबी अनुपात में 4.4 प्रतिशत की गिरावट हुई. महामारी के बाद से शहरी गरीबी अनुपात में 1.7 प्रतिशत की कमी आई है. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि यह आंकड़े दिखाते हैं कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का फायदा समाज के अंतिम तबके को मिल रहा है. इसका असर ग्रामीण जीवन पर भी हुआ है. नीति आयोग के नोट में हाल ही में बताया गया था कि भारत का बहुआयामी गरीबी अनुपात 2022-23 में 11.28 प्रतिशत रह गया है, जो कि 2013-14 में 29.17 पर था. इसमें रिकॉर्ड 17.89 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है. नीति आयोग ने आगे कहा कि बीते नौ वर्षों में बहुआयामी गरीबी अनुपात कम होने के कारण 24.82 करोड़ लोग गरीबी से निकलने में सफल हुए हैं.

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