देहरादून:- भगवान भोलेनाथ के कई प्राचीन मंदिर हैं। जिनका इतिहास महाभारत और रामायण से जुड़ा है। इनमें से एक ऐसा ही भगवान शिव का प्राचीन मंदिर उत्तराखंड देवभूमि में है। जिसका इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है, मंदिर का कुछ खास महत्व और रहस्य है। टपकेश्वर महादेव मंदिर देहरादून के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। पौराणिक मान्यता के अनुसार आदिकाल में भोले शंकर ने यहां देवेश्वर के रूप में दर्शन दिए थे। इस मंदिर की शिवलिंग पर एक चट्टान से पानी की बूंदे टपकती रहती हैं।
कॉंग्रेस के पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि महादेव आदि अनादि पौरानिक स्वयंभु श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर जो की लगभग 6 हजार वर्ष पुराना है। और सावन के महीने की शुरुआत भी जल्द होने जा रही है इसी को देखते हुए श्रद्धालुओ के लिए आज से शिवलिंग के जलधारी के पास शास्त्र विधि विधान से पूजा संपन्न करवा कर शिवलिंग पर सिल्वर धातु से बाबा का श्रृंगार किया गया है। अब सिल्वर धातु का लेप शिवलिंग पर हमेशा के लिए स्थापित कर दिया गया है। श्रद्धालु अब बाबा के इस श्रृंगार रूप के दर्शन कर पाएंगे। श्री टपकेश्वर महादेव सब का कल्याण करें।
इस अवसर पर श्री 108 महंत कृष्ण गिरी जी महाराज, पुजारी भारत गिरी जी, राजपाल गिरी, रवि गिरी, अजीत गिरी, अजय गिरी, लालचंद शर्मा, दिवाकर, भारत जोशी,आदि उपस्थित रहे।