देहरादून/हरिद्वार :- हरिद्वार के प्रसिद्ध श्री बालाजी ज्वैलर्स के यहां एक सितंबर को करीब चार करोड़ की चर्चित डकैती कांड में अभियुक्त बनाई गई अभियुक्त सुभाष उर्फ राहुल की पत्नी शिवानी की हरिद्वार सेशन कोर्ट से जमानत हो गई है। पुलिस ने शिवानी को 4 नवंबर को गिरफ्तार करके जेल भेजा था डकैती कांड में पुलिस ने शिवानी को अभियुक्त सुभाष की पत्नी को डकैती के मामले में अभियुक्त बनाया था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता नमित शर्मा (हरिद्वार) एवं सुश्री काव्या महर्षि (देहरादून) ने बताया की पुलिस ने अभियुक्त सुभाष की पत्नी को गलत तरीके से आरोपित किया था जबकि वह अपने पति सुभाष से अलग रहती है, एवं उसने तलाक के लिए भी केस फाइल क्या हुआ है। सारे तथ्यों का संज्ञान लेते हुए हरिद्वार के माननीय सत्र न्यायाधीश प्रशांत जोशी की अदालत ने इस आधार पर अभियुक्त शिवानी की जमानत याचिका स्वीकार कर ली। जिसके आधार पर बुधवार को उसको जमानत मिल गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सत्र न्यायालय में दाखिल जमानत याचिका में अभियुक्त शिवानी की तरफ से अधिवक्ता नमित शर्मा व अधिवक्ता सुश्री काव्या महर्षि ने अदालत के समक्ष तथ्य रखते हुए बताया था कि 1 सितंबर 2024 को हरिद्वार के प्रसिद्ध श्री बालाजी ज्वैलर्स के शोरूम में पड़ी डकैती में अभियुक्त सुभाष उर्फ राहुल के साथ अभियुक्त बनाई गई उसकी पत्नी का डकैती के अपराध से ना तो कोई लेना-देना है और ना ही शिवानी अपने पति सुभाष के साथ रहती है, बताया कि दिल्ली निवासी शिवानी का विवाह 21 नवंबर 2013 को सह अभियुक्त सुभाष के साथ हुआ था लेकिन 15 मार्च 2017 को उसने अपने पति सुभाष के विरुद्ध थाना मंगोलपुरी दिल्ली में तहरीर दी थी इसके अलावा शिवानी द्वारा धारा 125 सीआरपीसी के अंतर्गत अपने व अपनी पुत्री के भरण पोषण हेतु मुकदमा आयोजित किया गया तथा हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 (1) के अंतर्गत विवाह विच्छेद हेतु याचिका दिल्ली के न्यायालय में आयोजित की जो वर्तमान में विचाराधीन है, अदालत को समक्ष या तथ्य भी प्रस्तुत किया गया की अभियुक्त शिवानी ने अपनी पुत्री का दाखिला आर्यन पब्लिक स्कूल एवं न्यू सेंट माइकल अकैडमी में सिंगल मदर के रूप में करवाया है तथा उन्होंने अभियुक्त सुभाष अथवा अपने पति से अपना व अपनी पुत्री के जान माल का खतरा भी बताया। साथ ही अदालत के समक्ष यह तथ्य भी आया की डकैती के मामले में पांच अभियुक्त सुभाष उर्फ राहुल, सत्येंद्र पाल उर्फ लकी, अमनदीप कंबोज, गुरदीप सिंह एवं जयदीप सिंह के साथ डकैती के समय ना तो सुभाष की पत्नी उन सबके साथ में थी और ना ही कोई माल उसके पास से बरामद हुआ है।
हालांकि अभियोजन पक्ष ने अदालत के समक्ष तर्क रखा था कि अभियुक्त शिवानी के ऊपर अपने पति के साथ डकैती के षड्यंत्र में शामिल होने एवं अभियुक्त को छुपाने में मदद करने का प्रथम दृष्टि आरोप है। जबकि अभियोजन पक्ष ने अभियुक्त शिवानी से कोई बरामद ना होना एवं घटना के समय आरोपियों के साथ ना होना भी स्वीकार किया। उपरोक्त तथ्यों के आधार पर सत्र न्यायाधीश माननीय प्रशांत जोशी ने अभियुक्त शिवानी का जमानत अर्जित स्वीकार करते हुए ₹50 हज़ार के निजी मुचलके एवं इतनी ही राशि के दो जमानतीयो के आधार पर जमानत दे दी।
शिवानी के बचाव पक्ष की अधिवक्ता सुश्री काव्या महर्षि ने बताया कि इस चर्चित डकैती कांड में पांच उपायुक्तों के साथ शिवानी को पुलिस ने सिर्फ इसलिए अभियुक्त बनाया था क्योंकि वह सुभाष की पत्नी है जबकि ना तो उसका कोई अपराधिक इतिहास है ना ही वह अपने पति के साथ रहती है और ना ही वह किसी षड्यंत्र में शामिल थी इन सभी तथ्यों को माननीय अदालत ने संज्ञान लिया है, जो की एक निर्दोष महिला है। उनके साथ अधिवक्ता मयंक दत्ता, भावेश चंदनानी एवं अधिवक्ता हितेश कुमार ने भी संतोष जाहिर किया है I