देहरादून :- मंगलवार को पूर्व विधायक व मलिन बस्ती कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार के नेतृत्व में पार्षदों सहित कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी को अपनी विभिन्न मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधि मंडल ने रिस्पना नदी के तटों पर शिखर फॉल से मोथरोंवाला संगम तक बाढ़ मैदान क्षेत्रों को चिन्हित कर, उसमें भूमि के उपयोग को प्रतिषिद्ध एवं निर्बन्धित करने की घोषणा के संदर्भ में।
उपरोक्त के सन्दर्भ में निम्न आपत्ति प्रस्तुत की जाती है। यह कि श्रीमान जिलाधिकारी / बाढ़ परिक्षेत्रण प्राधिकारी, जिला देहरादून द्वारा दिनांक 07.10.2024 को जो नोटिस सम्बन्धित क्षेत्रवासियों के सन्दर्भ में दिनांक 11.10.2024 को समाचार पत्रों के माध्यम से प्रकाशन कराकर क्षेत्र के मुख्य स्थानों पर चस्पा कराये गये है, वे पूर्णतः विधि विरूद्ध होने के कारण न्यायोचित नहीं है। यह कि नोटिस के माध्यम से सम्बन्धित क्षेत्रवासियों को फ्लड प्लेन जोन में आने वाले आवास के जवाब हेतु 60 दिन का समय दिया गया है, जो पूर्णतः जन विरोधी है। यह कि सम्बन्धित क्षेत्र में जो भी निर्माण हुये है, वे अधिकांश पंजीकृत मलिन बस्ती में वर्षों पूर्व निर्मित हुये हैं, जिनमें शासन की ओर से विभिन्न जनहित योजनाओं के अन्तर्गत क्षेत्रों में सामुदायिक भवन, सड़क नाली, स्ट्रीट लाईटस, पेयजल लाईन डालकर, भवनकर लगाकर सभी क्षेत्रवासियों को सम्बन्धित विभाग द्वारा विधिक औपचारिकताएं पूर्ण कराने के पश्चात कनैक्शन/संयोजन दिये गये हैं, कोई भी कनैक्शन/संयोजन विधि विरूद्ध अथवा अवैध नहीं है तथा सम्बन्धित उपरोक्त बस्तियों की सुरक्षा हेतु पुश्ते डालकर ही शासन द्वारा मलिन बस्तियों को मान्यता दी गई है। यह कि सम्बन्धित क्षेत्रवासियों ने जो आवास वहां निर्मित कराये हैं, वे पूरे जीवन की मेहनत मजदूरी से निर्मित कराये हुये है, तथा निर्मित आवासों के अलावा सभी क्षेत्रवासियों के पास रहने के लिए अन्य कोई आवास नहीं है।
यह कि यदि सम्बन्धित क्षेत्रवासियों को अपने आवास छोड़ने पड़े तो सभी के परिवार बेघर होकर सड़क पर आ जायेंगें। यह कि शासन द्वारा पूर्व में वर्ष 1983, 1986 में कई बस्तियों जैसे कंडोली, चिड़ोवाली खाला, मोहनी रोड़ पुल, बलबीर रोड़ पुल, चूना भट्टा, अधोईवाला, दीपनगर, रामनगर, ऋषिनगर, वाणी विहार, भगत सिंह कालोनी, नई बस्ती चन्दर रोड़, नई बस्ती इन्दर रोड़ में आवास निर्मित हुए हैं, इसके पश्चात भी शासन द्वारा समय-समय पर बस्तिायों में मालिकाना अधिकार दिये हैं। यह कि उपरोक्त सभी नदी रिस्पना से निर्मित बस्तियों फ्लड प्लेन जोन से प्रभावित नहीं होता है, जिस कारण उक्त क्षेत्र भविष्य में फ्लड जैसी बुरी स्थिति से प्रभावित होने की कोई सम्भावना नहीं है, बस्तियाँ हटाने के कारण समस्त क्षेत्रवासी अवश्य ही बुरी तरह प्रभावित हो जायेंगे। यह कि यदि शासन की किसी बड़ी योजना का क्रियान्वयन होना अनिवार्य है तो सम्बन्धित मलिन बस्ती के क्षेत्रवासियों को सम्बन्धित क्षेत्र से हटाने से पूर्व न्यायहित में उनके आवास बनाकर उन्हें वहां शिफ्ट कराकर विस्थापित कराना जाना अति आवश्यक है। यह कि शासन द्वारा जारी नोटिस न्यायहित में शीघ्र निरस्त किया जाना आवश्यक एवं न्यायोचित है। अतः महोदय से विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त नोटिस दिनांकित 07. 10.2024 को जनहित में निरस्त करने की महति कृपा करें ती नदी रिस्पना से लगती मलिन बस्ती वासियों को सर्व प्रथम विस्थापित करके अग्रिम कार्रवाई की जानी न्याययोजित है।
इस अवसर पर ज्ञापन देने वालों में पूर्व विधायक व मलिन बस्ती कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार कांग्रेस पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा कांग्रेस पार्षद इलियास अंसारी, निखिल कुमार, हुकुमचंद, महेंद्र रावत, मीना बिष्ठ, आनंद त्यागी, सुंदर सिंह पुंडीर, राकेश पवार, हरदयाल प्रसाद यादव, लक्ष्मी राम, असलम, इजहार,ओम प्रकाश, अरुण शर्मा, कौशल्या देव, राजा आदि लोग उपस्थित रहे।