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मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने, एक जेल-एक प्रोडक्ट‘ के विकास को लेकर, अधिकारियों को दिए निर्देश।
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मुख्यमंत्री धामी द्वारा प्रदान की गई, ₹ 210 करोड़ से अधिक लागत की विकास योजनाओं की वित्तीय स्वीकृतियां।
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पौड़ी-श्रीनगर एनएच पर टनल निर्माण को लेंगे जनसुझाव, डॉ. धन सिंह रावत।
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वन्यजीव प्रभावित क्षेत्रों में, स्कूली नौनिहालों को मिलेगी एस्कार्ट की सुविधा, मुख्यमंत्री धामी।
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धैर्य, समर्पण और अदम्य इच्छाशक्ति के प्रतीक हैं पी आर डी जवान, मुख्यमंत्री धामी। 
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विभाग ने पेयजल संकट से निपटने के लिए की व्यापक तैयारी

विभाग ने पेयजल संकट से निपटने के लिए की व्यापक तैयारी

पेयजल सचिव ने सभी डीएम को भेजा पत्र

देहरादून। गर्मियों में आसन्न पेयजल संकट से निपटने के लिए पेयजल विभाग ने व्यापक तैयारी की है। पेयजल नलकूपों और पंम्पिंग योजनाओं पर निर्बाध रूप से पर्याप्त वोल्टेज के साथ बिजली आपूर्ति, निर्माण और अन्य कार्यो में एसटीपी शोधित जल का उपयोग करने और पाइप लाइनों को दुरूस्त रखने पर खास जोर दिया गया है। बीते वर्षों की स्थिति को देखते हुए विभाग संकट से पर पाने के लिए चौकस हो गया है।

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव शैलेश बगौली ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अप्रैल माह के पहले पखवाड़े में अभियान चलाकर पाइप लाइनों की लीकेज की मरम्मत करवाई जाए और संबंधित विभाग आपसी समन्वय से इसके लिए काम करें। यात्रा रूट सहित अन्य क्षेत्रों में अवस्थित टीएसपी जलाशय और अन्य प्रकार की जल संरचनाओं की विधिवत सफाई सुनिश्चित कराई जाए।

आगे कहा गया है कि सभी वाहन सर्विस सेंटरों में पेयजल के अपव्यय को रोकने के लिए ड्राई वाश/रिसाइक्लिंग की जाए। टैंकरों से जलापूर्ति के संबंध में फिलिंग प्वाइंट की टैंकर वितरण व्यवस्था का हर रोज निरीक्षण किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि टैंकरों की सफाई, पेंटिंग, लीकेज मरम्मत आदि सुचारू हो। जल की गुणवत्ता का भी प्राथमिकता से ध्यान रखा जाए।

नलकूप एवं पंपिंग योजनाएं सुचारू रहें

सभी नलकूपों/पम्पिंग योजनाओं को निर्बाध रूप से उचित वोल्टेज पर विद्युत आपूर्ति मिलती रहे। इसके लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव ने ऊर्जा सचिव से विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देने का अनुरोध किया है। उत्तराखण्ड जल संस्थान के महाप्रबंधक की ओर से बताया गया था कि ग्रीष्मकाल में प्रायः लो वोल्टेज और विद्युत व्यवधान के कारण नलकूप और पम्पिंग योजनाओं का संचालन प्रभावित होता है। ग्रीष्मकाल में दिक्कत न हो, इसके लिए विद्युत विभाग का अपेक्षित सहयोग चाहिए।

निर्माण कार्यो के लिए एसटीपी शोधित जल का उपयोग हो

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण नगर के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं जैसे निर्माण से संबंधित कार्य, उद्यानों, फुलवारियों, मार्गो पर किए गए वृक्षारोपण की सिंचाई के लिए एसटीपी शोधित जल का उपयोग किया जाए। इसके लिए पेयजल सचिव ने प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को पत्र लिखा है।
सचिव की ओर से कहा गया है कि ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट को देखते हुए अन्य गतिविधियों में जल का उपयोग करने के लिए जल संस्थान द्वारा कारगी चौक में स्थित एसटीपी शोधित जल निःशुल्क रूप से उपलब्ध है।

पेयजल शिकायतों के लिए कंट्रोल रूम
पेयजल सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पेयजल की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम की व्यवस्था की जाए। कंट्रोल रूम में उपभोक्ताओं की शिकायतों का पूरा ब्यौरा उनसे हुई वार्ता के साथ दर्ज किया जाएगा।
इस बात की नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी कि उपभोक्ता की शिकायत का निस्तारण हो रहा है या नहीं।

फायर हाइडेंट क्रियाशील अवस्था में हों
ग्रीष्मकाल में आग लगने का खतरा बना रहता है, इसलिए अग्निशमन के लिए लगे फायर हाइडेंटों को निरंतर क्रियाशील अवस्था में रखने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं। पेयजल सचिव ने विभागीय अधिकारियों से कहा है कि इंतजामों की जांच के लिए वह अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण करें।

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