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देहरादून में होगा जनसंपर्क का “महाकुंभ, 47वीं ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशंस कॉन्फ्रेंस 13 से 15 दिसंबर तक।
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मुख्यमंत्री.धामी ने किया, 112 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण शिलान्यास।
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एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज एटलिटिका -2025 में, प्रद्यूमन ने लगाई सबसे लम्बी छलांग।
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सीएम धामी ने उत्तराखंड के प्रथम मुख्यमंत्री, नित्यानंद स्वामी की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर श्रद्धासुमन  किए अर्पित।
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स्वास्थ्य विभाग को मिले 10 और नये विशेषज्ञ चिकित्सक, विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने दिया, तैनाती प्रस्ताव को मंजूरी। 
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कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने, सीएनआई गर्ल्स इंटर कॉलेज के वार्षिकोत्सव समारोह में किया प्रतिभाग।
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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुयी, रोप-वे विकास समिति की बैठक, रोप-वे प्रस्तावों को समिति से स्वीकृति लेना अनिवार्य।
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विशेष बच्चों को मातृत्व देना सबसे बड़ा पुण्य, रेखा आर्या।
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सर्किट हाउस काठगोदाम में, कृषि, उद्यान, सैनिक कल्याण और ग्राम्य विकास विभागों की समीक्षा की, मंत्री गणेश जोशी।
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गर्मी से हाल बेहाल और जल संकट

गर्मी से हाल बेहाल और जल संकट

गर्मी के कारण हाल बेहाल है। समूचा उत्तर भारत तप रहा है। बुजुर्गों की स्मृति में भी नहीं है कि उन्होंने पहले कभी इतनी प्रचंड गर्मी की लगातार मार सही हो। दिल्ली और एनसीआर जैसे क्षेत्रों से लू के कारण मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। और दूसरी तरफ जब देश की राजधानी दिल्ली में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है तो देश के जलाभाव वाले क्षेत्रों में क्या स्थिति होगी, उसकी कल्पना करना कठिन नहीं है। जो हो रहा है, वह अनायास या अचानक नहीं हो रहा है। दुनिया भर के पर्यावरणविद् और जलवेत्ता वर्षो से इस स्थिति की आशंका के प्रति चेतावनी जारी करते रहे हैं। भारत में भी बदलते तापमान और तद्जन्य समस्याओं को लेकर लगातार अपनी बातें सामने रखते रहे हैं।

पानी के संकट को लेकर और देश भर में भूजल स्तर की डरावनी गिरावट को लेकर भी चेतावनियां जारी होती रही हैं। इसका कारण खोजने के लिए अतिरिक्त अन्वेषण की जरूरत नहीं है। असंतुलित विकास की भेंट चढ़े देश के वन जंगल, निर्ममता से नष्ट किए गए स्थानिक जल स्रेत और जल संसाधनों पर तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या के दबाव के कारण यह स्थिति पेश हुई है। देश भर में गांव-देहातों तक जिन छोटी-छोटी नदियों का जाल बिछा हुआ था और जो पोखर तालाब जल के संरक्षण के मुख्य वाहक होते थे, वे अब कहीं दिखाई नहीं देते। मनुष्य के अनियंत्रित लालच और हर स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार ने स्थितियों को कई गुना जटिल किया है तिस पर राजनीतिक दलों की बेहयाई समस्या की आग में घी डालती रहती है।

सबसे ज्यादा मौजूदा उदाहरण इस समय दिल्ली का है। दिल्ली में दिल्लीवासियों की कथित सेवा को समर्पित आम आदमी पार्टी की सरकार है, और केंद्र में देश हित के लिए जीने-मरने का दावा करने वाली भाजपा सरकार है और तमाशा यह है कि दोनों ही पार्टियों के प्रतिनिधि दिल्ली के जल संकट के लिए एक दूसरे पर पूरी बेशर्मी से हल्ला बोल रहे हैं। जब दिल्ली के लोग पानी के लिए त्राहि त्राहि कर रहे हैं उस समय दो जिम्मेदार पार्टियों और उनकी सरकारों के इस रवैये को शर्मनाक ही कहा जा सकता है।

कहने में कोई संकोच नहीं कि अगर वास्तविक समस्याओं के प्रति जिम्मेदारी राजनीतिक दलों को रुख इतना गैर-जिम्मेदार है, तो देश और इसकी राजधानी को आने वाले भयानक संकटों से कोई नहीं बचा पाएगा।

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