देहरादून/नई दिल्ली:- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट कर उन्हें तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री का दायित्व संभालने पर हार्दिक शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री को महासू देवता की प्रतिकृति भेंट की और राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री मोदी को तीसरी बार देश का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिलने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में देश समग्र विकास के नए आयाम प्राप्त करेगा और विश्व में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करेगा। प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों से अवगत कराया।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री से राज्य में लंबित जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण हेतु अनुमति देने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड की सामाजिक और आर्थिक विकास में जल विद्युत परियोजनाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। राज्य की विद्युत ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हर साल लगभग 1000 करोड़ रुपये की ऊर्जा खरीदनी पड़ती है, जिससे राज्य के वित्तीय संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है। मुख्यमंत्री ने अलकनंदा, भगीरथी और सहायक नदियों में प्रस्तावित 24 जल विद्युत परियोजनाओं के बारे में पुनः समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री से अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि उत्तराखंड की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत राज्य में सड़क निर्माण परियोजनाओं को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने के लिए क्षतिपूरक वृक्षारोपण हेतु वन भूमि हस्तांतरण को व्यवहारिक बनाया जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान वन संरक्षण एवं संवर्धन नियमों के अनुसार गैर वन भूमि को आधार बनाया गया है, जिससे उचित भूमि के चयन में कठिनाई हो रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तराखंड के 67 प्रतिशत वन क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए राज्य के विकास कार्यों के लिए भूमि की उपलब्धता कम है। इसके अलावा, राज्य की सामरिक महत्व को देखते हुए, विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा संरचनाओं के निर्माण में भी कठिनाई हो रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री से मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के लिए 1000 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया। इस मिशन के तहत 48 पौराणिक मंदिरों में से 16 मंदिरों में अवस्थापना विकास के कार्य शुरू हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि इस मिशन के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध पूर्णागिरी धाम को विकसित करने के लिए शारदा कॉरिडोर की विकास योजना तैयार की जा रही है। इसके साथ ही कैंची धाम और गुंजी (आदि कैलाश क्षेत्र) को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए भी मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से उत्तराखंड में रेल सेवाओं के विस्तार के लिए देहरादून-मसूरी रेल लाइन परियोजना की स्वीकृति का अनुरोध किया। उन्होंने राज्य में प्रस्तावित ज्योलिकांग-वेदांग, सीपू-तोला, और मिलम-लैपथल टनल परियोजनाओं की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने राज्य में निवेश प्रोत्साहन के लिए Multi Model Logistics Park और औद्योगिक विकास हेतु BHEL हरिद्वार से राज्य को भूमि हस्तांतरण का अनुरोध किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि भारत सरकार और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से 1002 एकड़ भूमि पर एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर, खुरपिया का निर्माण किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई भूमि का मूल्य 410 करोड़ रुपये है और सभी आवश्यक अनुमतियाँ प्राप्त हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात ने उत्तराखंड के विकास के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। मुख्यमंत्री ने राज्य की विशेष भौगोलिक और सामरिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न परियोजनाओं के लिए प्रधानमंत्री से सहायता और स्वीकृति का अनुरोध किया। इस मुलाकात से स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार उत्तराखंड के विकास के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और केंद्र सरकार से निरंतर सहयोग की अपेक्षा रखती है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस महत्वपूर्ण बैठक से राज्य के विकास कार्यों में तेजी आने की संभावना है, जिससे राज्य की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार होगा।