शिक्षा का अधिकार संविधान प्रदत्त है, यह वाणिज्य का माध्यम नहीं बनना चाहिए।
कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ छात्रों और अभिभावकों के साथ खड़ा है।
देहरादून :- कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के नेतृत्व में आज डिस्पेंसरी रोड में व्यापारियों ने एकजुट होकर निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया। व्यापारियों का आरोप है कि निजी स्कूल संचालक शिक्षा के नाम पर मनमानी वसूली और व्यापारिक लूट को अंजाम दे रहे हैं।
इस अभियान का नेतृत्व कर रहे पूर्व महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचंद शर्मा और सुनील कुमार बांगा ने भी स्पष्ट कहा कि शिक्षा का उद्देश्य सेवा होना चाहिए, न कि मुनाफा। उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निजी विद्यालयों को पाठ्य पुस्तकें स्वयं ना बेचने दी जाएं, बल्कि अभिभावकों को स्वेच्छा से पुस्तक विक्रेताओं से सामग्री खरीदने की आज़ादी दी जाए।
पूर्व महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लाल चंद शर्मा एवं महानगर कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ अध्यक्ष सुनील कुमार बांगा ने कहा कि अनेक निजी विद्यालयों द्वारा स्पोर्ट्स, गेम्स व अन्य गैर-शैक्षणिक मदों के नाम पर अभिभावकों से हजारों रुपये की अतिरिक्त वसूली की जा रही है। उन्होंने माननीय जिलाधिकारी से मांग की कि तत्काल प्रभाव से एक “प्राइवेट स्कूल फीस एक्ट” बनाया जाए ताकि फीस निर्धारण में पारदर्शिता आ सके और आम जनता को राहत मिले।
नगर निगम पार्षद अर्जुन सोनकर ने कहा कि आम अभिभावक बड़ी मुश्किल से अपने बच्चों की शिक्षा का खर्च उठा पा रहे हैं, और ऐसे में स्कूलों की यह लूट सरासर अन्याय है। पार्षद प्रमोद ने कहा कि जिन परिवारों में दो या तीन बच्चे हैं, उनके लिए मौजूदा फीस ढांचा एक असहनीय बोझ बन चुका है।
सुनील कुमार बांगा ने जिलाधिकारी से यह भी अनुरोध किया कि जिन विद्यालयों ने आपके पूर्व आदेशों के बावजूद अतिरिक्त फीस वसूली की है, वह राशि अभिभावकों को लौटाई जाए। साथ ही, जिन स्कूलों ने पिछले वर्षों में फीस में वृद्धि की है, उन्हें आगामी शैक्षणिक सत्र तक फीस स्थिर रखने के निर्देश दिए जाएं।
इस जनहित आंदोलन में प्रमुख व्यापारियों एवं समाजसेवियों ने अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज कराई जिनमें अर्जुन सोनकर, प्रमोद पार्षद, राजेश मित्तल, राहुल शर्मा, सोमपाल वाल्मीकि, बिट्टू भाई, सुरेश गुप्ता, मनोज कुमार, राहुल कुमार, प्रवीण बागा, राम कपूर, अजीत सिंह, चमन लाल, राजेन्द्र सिंह नेगी, आमिर खान, भूरा भाई, राजेंद्र सिंह घई, इमरान, भगत जी, विशाल खेड़ा आदि उपस्थित रहे।